नई दिल्ली। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों को सतर्क रहने, टेस्टिंग व जिनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने, अस्पतालों और दवाओं का स्टॉक तैयार रखने का निर्देश दिया है। राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में आठ और नौ अप्रैल को सभी जिलों में कोरोना की तैयारियों की समीक्षा और 10 और 11 अप्रैल को कोरोना अस्पतालों में मॉक ड्रील करने का फैसला लिया गया।
केंद्रीय मंत्री मांडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों को मॉक ड्रील में हिस्सा लेने का आग्रह किया। मनसुख मांडविया ने कहा कि पिछले तीन हफ्ते में कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। दो हफ्ते पहले 17 मार्च तक एक हफ्ते में औसतन प्रतिदिन कोरोना के 571 संक्रमित आ रहे थे, वहीं सात अप्रैल तक एक हफ्ते में औसतन 4188 संक्रमित आ रहे हैं।
लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले
इसी तरह से इस दौरान पोजेटिविटी दर एक फीसद से कम से बढ़कर औसतन 3.02 फीसद तक पहुंच गई है। केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में 10 या इससे अधिक जिलों में पोजेटिविटी दर 10 फीसद से ऊपर पहुंच गई है, जबकि कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश में पांच से अधिक जिले में पोजेटिविटी दर पांच फीसद से ऊपर पहुंच गई है। कोरोना के ताजा संक्रमण के लिए एसबीबी.1.16 वैरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
कोरोना केस में इजाफा
मनसुख मांडविया ने कहा कि फरवरी में आ रहे कुल कोरोना के मामलों में 21.6 फीसद इस वैरिएंट के थे, लेकिन अब कुल मामलों में इस वैरिएंट का प्रतिशत 35.8 फीसद पहुंच गया है, लेकिन सबसे राहत की बात है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है। इसकी वजह भारत में होने वाला सफल टीकाकरण अभियान को माना जा रहा है।
देश में 90 प्रतिशत आबादी को लगे हैं टीके के दोनों डोज
उनके अनुसार, देश में 90 फीसद योग्य आबादी को कोरोना टीका का दोनों डोज लगाया जा चुका है, लेकिन अभी सतर्कता डोज लेने वालों की संख्या काफी कम है। उन्होंने इसे बढ़ाने की जरूरत बताई। मनसुख मांडविया ने राज्यों से कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट के बावजूद टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन और कोरोना उचित व्यवहार का पुराना फार्मूला इसे रोकने में आज भी सबसे मुफीद उपाय है।