Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 श्रमिकों ने कहा-जीवन का सबसे यादगार दिन, छत्तीसगढ़िया श्रमिक  संस्कृति को विश्वभर में दिलाई पहचान
0 मुखिया से सम्मानित होकर अभिभूत हुए श्रमिक बोले - छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिक हितैषी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ सोमवार को बोरे-बासी खाने वाले श्रमिकों ने बताया कि यह उनके जीवन का यादगार दिन है। प्रदेश के मुखिया ने श्रम और श्रमिकों को सम्मान देकर इस दिन को चिरस्मरणीय बना दिया है। बोरे बासी तिहार में शामिल होने आए श्रमिक श्री तुलसीराम सिन्हा ने बताया कि बोरे-बासी जीवन का अभिन्न हिस्सा है और मजदूर के जीवन की कल्पना इसके बिना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि श्रमिक हितैषी मुख्यमंत्री ने इस दिन को खास बनाया और बोरे-बासी को वैश्विक पहचान दिलाई। बोरे-बासी अब केवल मजदूर का भोजन नहीं है बल्कि अब सभी वर्गों के लोग इसे बड़े चाव से खाते है। इसके पौष्टिक गुणों को दुनिया जानने लगी है।

   इसी प्रकार श्रमिक श्रीमती संतोषी पाल ने भी प्रदेश के मुखिया के साथ बोरे-बासी का आनंद लिया। उन्होंने बताया कि मजदूरों के लिए बोरे-बासी सभी मामलों में बहुत किफायती होने के साथ ही अत्यंत पौष्टिक आहार है। रात को भिगाओ और यह सुबह तैयार मिलता है। मजदूर को सुबह जल्दी काम में जाना पड़ता है, ऐसे में बासी अच्छा विकल्प है,जो थोड़े ही प्रयास में बन जाता है। मजदूर के जेब पर भी यह भारी नहीं पड़ता है और इसे आचार, चटनी के साथ आसानी से खाया जा सकता है।

 बोरे-बासी तिहार में पहुंचे श्रमिक परमेश्वर सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश की छत्तीसगढ़िया संस्कृति ने अपने वास्तविक गौरव को पाया है। श्रमिक दिवस के अवसर पर बोरे-बासी तिहार भी छत्तीसगढ़िया संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हम सभी मजदूर खुश हैं। बोरे-बासी का महत्व एक मजदूर सहज ही समझ सकता है। शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ पानी की कमी को दूर करता है और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर बहुत सकारात्मक है।