0 नेता प्रतिपक्ष बोले-कम से कम 10 दिन का सत्र हो
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में मानसून सत्र होने जा रहा है। यह 5वीं विधानसभा का 17वां सत्र होगा। इस पर राज्यपाल हरिचंदन विश्वभूषण ने मंजूरी दे दी है। विधानसभा की ओर से आधिकारिक रूप से तिथि का ऐलान कर दिया गया है। इस बार मानसून सत्र 18 से 21 जुलाई तक चार दिन का होगा।
कांग्रेस सरकार का यह अंतिम मानसून सत्र होगा। संभवतः नवंबर-दिसंबर में प्रदेश में विधानसभा का चुनाव हाे सकता है, इसलिए यह सत्र सबसे अहम होगा। सूत्रों की मानें तो विधानसभा का ये बिदाई सत्र भी होगा। इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले विधायकों-पत्रकारों का सम्मान किया जाएगा। सत्र में सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी, जिसमें कुछ अहम घोषणाओं की उम्मीद है।
मानसून सत्र में कर्ई मुद्दों पर हो सकती तीखी बहस
4 दिनों के सत्र के बीच सत्ता और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हो सकती है। विपक्षी भाजपा शराबबंदी, खाद की गुणवत्ता, किसानों का कर्ज, कानून व्यवस्था जैसे मामलों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार इस सत्र में कुछ विधेयक भी ला सकती है।
विपक्ष की मांग-10 दिन का हो सत्र
विधानसभा सत्र से जुड़ी खबरें सामने आने के बाद विपक्षी भाजपा ने सत्र को कम से कम 10 दिन का करने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पूरे कार्यकाल में कोई भी सत्र तय समय तक नहीं चला पाया है। सरकार अधिकतर सत्र को पहले ही समाप्त कर दिया गया। इस बार कम से कम 10 दिन का सत्र होना जरूरी है, ताकि सभी विधायकों को अपने क्षेत्र के मुद्दे और समस्याएं रखने का पूरा मौका मिले।