नई दिल्ली। पीएम मोदी ने 18 जून यानी आज मन की बात के 102वें एपिसोड में लोगों को संबोधित किया। इस एपिसोड में उन्होंने योग दिवस, इमरजेंसी, स्पोर्ट्स, 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के अभियान और प्रकृति संरक्षण को लेकर बात की। इसके अलावा उन्होंने बिपरजॉय तूफान के दौरान कच्छ के लोगों की हिम्मत की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा कि बिपरजॉय ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस किया, लेकिन जिस हिम्मत और तैयारी के साथ कच्छ के लोगों ने इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वह अभूतपूर्व है।
पीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का जोर नहीं होता, लेकिन पिछले कुछ सालों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है प्रकृति का संरक्षण।
उन्होंने कहा कि मानसून के समय में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ये नदी, नहर, सरोवर, ये केवल जल-स्त्रोत ही नहीं होते हैं, बल्कि इनसे, जीवन के रंग और भावनाएं भी जुड़ी होती हैं। इसीलिए आज देश ‘कैच द रेन’ जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।
25 जून को भुला नहीं सकते, इसी दिन हम पर इमरजेंसी थोपी गई थी
पीएम मोदी ने इमरजेंसी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शों को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। पीएम बोले कि यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने इमरजेंसी का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है। पीएम ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने इमरजेंसी पर लिखी एक किताब पढ़ी। इसका शीर्षक है- टॉर्चर ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स इन इंडिया। इस किताब में जिक्र है कि कैसे उस समय की सरकार ने लोकतंत्र के रखवालों के साथ क्रूरतम व्यवहार किया।
‘मन की बात’ भारत की सामूहिक शक्ति का जागरण कर रहा है : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम को रंगबिरंगे मोतियों की एक सुंदर माला बताते हुए आज कहा कि यह लोगों में सामूहिकता, कर्त्तव्यपरायणता एवं सेवा भाव भरके भारत की सामूहिक शक्ति का जागरण कर रहा है। श्री मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ रंग-बिरंगे मोतियों से सजी एक सुंदर माला है जिसका हर मोती अपने आपमें अनूठा और अनमोल है। इस कार्यक्रम का हर अंक बहुत ही जीवंत होता है। हमें सामूहिकता की भावना के साथ-साथ समाज के प्रति कर्तव्य-भाव और सेवा-भाव से भरता है। यहां उन विषयों पर खुलकर चर्चा होती है, जिनके बारे में, हमें, आमतौर पर कम ही पढ़ने–सुनने को मिलता है।
उन्होंने कहा कि हम अक्सर देखते हैं कि ‘मन की बात’ में किसी विषय का जिक्र होने के बाद कैसे अनेकों देशवासियों को नई प्रेरणा मिली। हाल ही में उन्हें देश की प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना आनंदा शंकर जयंत का एक पत्र मिला। अपने पत्र में उन्होंने ‘मन की बात’ के उस अंक के बारे में लिखा है, जिसमें हमने स्टोरी टेलिंग यानी कथा वाचन के बारे में चर्चा की थी। उस कार्यक्रम में हमने इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की प्रतिभा को स्वीकार किया था। ‘मन की बात’ के उस कार्यक्रम से प्रेरित होकर आनंदा शंकर जयंत ने ‘कुट्टी कहानी’ तैयार की है। यह बच्चों के लिए अलग-अलग भाषाओं की कहानियों का एक बेहतरीन संग्रह है। यह प्रयास इसलिए भी बहुत अच्छा है, क्योंकि इससे हमारे बच्चों का अपनी संस्कृति से लगाव और गहरा होता है। उन्होंने इन कहानियों के कुछ दिलचस्प वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने, आनंदा शंकर जयंत के इस प्रयास की विशेषतौर पर इसलिए चर्चा की, क्योंकि ये देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि कैसे देशवासियों के अच्छे काम, दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। इससे सीखकर वे भी अपने हुनर से देश और समाज के लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश करते हैं। यही तो हम भारतवासियों का वो सामूहिक शक्ति है, जो देश की प्रगति में नई शक्ति भर रही है। श्री मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि बारिश के समय वे अपने स्वास्थ्य का खूब ध्यान रखें। संतुलित खायें और स्वस्थ रहें। योग जरुर करें। उन्होंने कहा कि अब कई स्कूलों में गर्मी की छुट्टियाँ भी खत्म होने को है। मैं बच्चों से भी कहूंगा कि हाेमवर्क आखिरी दिन के लिए ना छोड़ें। काम खत्म करिए और निश्चिंत रहिए।