नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। अमेरिका के तीन दिन के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को यूएन हेडक्वार्टर में योग दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि योग का मतलब है- युनाइट। मुझे याद है मैनें यहां 21 जून को यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए पूरी दुनिया भारत के साथ आई। योग भारत से आया। ये भारत की पुरानी संस्कृति और कॉपीराइट से फ्री है। आप योग को कहीं भी कर सकते हैं। ये फ्लेक्सिबल है। ये सभी संस्कृतियों के लिए है। योग जिंदगी जीने का तरीका है। योग खुद के साथ और दुनिया के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहने का तरीका सीखाता है।
कार्यक्रम यूएन के नॉर्थ लॉन के गार्डन में हुआ। इसमें न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम , शेफ विकास खन्ना, संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी समेत 180 देशों के लोग शामिल हुए।
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत लॉन में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की है। इससे पहले पीएम मोदी ने सुबह लोगों को योग दिवस की शुभकामनाएं दी थी। उन्होंने कहा था कि आज योग दिवस पर मैं कई दायित्वों के चलते आप लोगों के बीच नहीं हूं। भले मैं आपके साथ योग नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं योग करने के दायित्व से भाग नहीं रहा हूं। उन्होंने कहा कि योग दुनिया को जोड़ रहा है।
राजीव गांधी की कल्चरल डिप्लोमेसी को पीएम मोदी ने योग से आगे बढ़ाया
साल 1985 की बात है। दुनिया में भारत को नई पहचान देने के लिए राजीव गांधी ने अमेरिका में 'फेस्टिवल ऑफ इंडिया' के नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की। इसका मकसद ये था कि भारत के अलग-अलग कल्चर और त्योहारों के बारे में दुनिया को पता चले। जून 1985 में इसी योजना के तहत फ्रांस की राजधानी पेरिस में राजीव गांधी ने एक भव्य प्रोग्राम कराया। इसमें पतंग उड़ाने के कार्यक्रम से लेकर भारतीय फिल्में दिखाने और खाने तक को शामिल किया गया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें पेरिस के 2 लाख लोग शामिल हुए थे। राजीव गांधी ने कहा था- पेरिस में सब कुछ है, पर आज हम यहां पूरे भारत को लेकर आए हैं। विदेश मामलों के एक्सपर्ट्स ने राजीव के इस प्रयास को तब भारत की कल्चरल डिप्लोमेसी बताया था। करीब 29 साल बाद एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत को नई पहचान देने के लिए योग को कल्चरल डिप्लोमेसी के तौर पर इस्तेमाल किया। 2022 में दुनिया के 192 देशों ने योग दिवस को सेलिब्रेट कर इस डिप्लोमेसी की सफलता पर मुहर लगा दी।