0 एनसीपी में फूटः अजित ने 31 महीने में तीसरी बार शपथ ली
मुंबई। महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। शिवसेना के बाद शरद पवार की पार्टी एनसीपी में फूट हो गई है। तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम में एनसीपी के नेता अजित पवार ने दोपहर ढाई बजे शिवसेना के एकनाथ शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। शपथ के तुरंत बाद ट्विटर प्रोफाइल बदला और लिखा- डिप्टी सीएम ऑफ महाराष्ट्र। वहीं अजित के साथ एनसीपी के 8 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। सूत्रों के मुताबिक दिग्गज नेता शरद पवार अचानक हुए इस घटनाक्रम से नाराज हैं और उन्होंने अपने भतीजे का समर्थन नहीं किया है। इसे शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
एनसीपी नेता अजित पवार 8 विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोड़े, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर करीब 2 बजे राजभवन पहुंचे। 3 बजते-बजते सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडवणीस की मौजूदगी में सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
शरद पवार का राहुल को समर्थन देने पर नाराज थे अजित
न्यूज एजेंसी के मुताबिक अजित समेत बाकी विधायक शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे। महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके छह महीने पहले आम चुनाव होंगे। अजित के सरकार में शामिल होने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार को 40 एनसीपी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में अब महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद कांग्रेस को मिल सकता है। विपक्ष में सबसे ज्यादा 44 सीटें कांग्रेस के पास हैं।
उद्धव के साथ सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ आने में क्या गलतः अजित
शपथ समारोह के बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा कि मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा। कुछ मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं। कई दिनों से इस बारे में बातचीत चल रही थी। पीएम मोदी देश के विकास के लिए पिछले 9 साल से कई काम कर रहे हैं। मुझे लगा कि हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इसलिए मैं एनडीए में शामिल हुआ। महाराष्ट्र को विकास करने वाला नेतृत्व चाहिए। भुजबल और मैंने विकास को तवज्जो दी। केंद्र का सहयोग और पैसा महाराष्ट्र को मिलता रहे। इसलिए हमने यह फैसला लिया। पार्टी भी हमारे साथ है। आगे भी सभी चुनाव हम पार्टी के नाम और सिंबल पर ही लड़ेंग। नगालैंड में भी ऐसा हुआ था। वहां भी हमारी पार्टी के चुने गए 7 विधायकों ने भाजपा के साथ जाने का फैसला लिया था। हमने उद्धव के साथ भी सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ जाने में क्या गलत है। हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव है।
शरद पवार ने कहा था मोदी सरकार फिर से आने वाली हैः भुजबल
छगन भुजबल ने कहा कि शरद पवार ने भी कहा था कि देश में मोदी सरकार ही फिर से आने वाली है। कई लोग कहेंगे कि हमारे खिलाफ जांच एजेंसियों के केस हैं, इसलिए हम साथ आए, लेकिन कई विधायक हैं, जिनके खिलाफ कोई केस नहीं है, वे भी शिंदे सरकार के साथ आए हैं।
पहले भी देखी ऐसी बगावत, मैं फिर से पार्टी खड़ी करके दिखाऊंगाः शरद पवार
अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति साफ की। शरद पवार ने कहा कि यह मेरे लिए नया नहीं है और जो हुआ उससे मैं चिंतित नहीं हूं। पवार ने पार्टी में बगावत पर कहा कि यह दूसरों के लिए नया होगा लेकिन मेरे लिए यह कोई नहीं बात नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो हुआ उससे मैं चिंतित नहीं हूं। मैं फिर से पार्टी खड़ी करके दिखाऊंगा।
शरद पवार ने कहा कि दो दिन पहले देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि नेशनलिस्ट पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी पार्टी है। इस मौके पर उन्होंने सिंचाई घोटाले और शिखर बैंक का जिक्र किया। वहीं आज कैबिनेट में उन्होंने एनसीपी के नेताओं को शपथ दिलाई। इसका मतलब यह है कि उनकी ओर से लगाए गए आरोप सही नहीं थे। उन्होंने पार्टी और उन लोगों को बरी कर दिया जिनके खिलाफ उन्होंने आरोप लगाए थे। मैं मोदी को धन्यवाद देता हूं।
शरद पवार ने आगे कहा कि अब दूसरा सवाल-हमारे कुछ साथियों ने पार्टी के रुख से अलग रुख अपनाया। कल मैंने 6 जुलाई को पार्टी के कुछ प्रमुख लोगों की बैठक बुलाने की बात कही थी। इस बैठक में संगठनात्मक परिवर्तन के बारे में सोच रहा था, लेकिन इससे पहले ही पार्टी के कुछ साथियों ने अलग रुख अपना लिया। हमने स्टैंड लिया कि हम ही पार्टी हैं।
पवार ने कहा कि मेरी साफ राय है। दो से तीन दिन में हमें विधायकों और नेताओं के रुख के बारे में साफ तस्वीर मिल जाएगी। कारण यह है कि जिन लोगों के नाम आए थे, उनमें से कुछ लोगों ने आज मुझसे संपर्क किया और हमें आमंत्रित किया और हमारे हस्ताक्षर लिए, लेकिन हमारी भूमिका अलग है। उन्होंने मुझे बताया है कि यह स्थायी है। मैं अभी इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन उन्हें भी उतना ही अपना पक्ष जनता के सामने रखना चाहिए, जितना मैं रखता हूं। अगर उन्होंने इसे पेश नहीं किया तो समझा जाएगा कि उन्होंने अलग रुख अपनाया। यदि प्रस्तुत किया जाए तो मैं उन पर विश्वास करूंगा।