
रायपुर। मंगलवार को अनुसूचित जाति के 29 युवकों के हुए नग्न प्रदर्शन मामले में बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ। शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों ने मामला उठाते हुए सदन की कार्यवाही रोकर स्थगन सूचना पर चर्चा कराने की मांग की। इस मामले को लेकर विपक्षी सदस्यों ने आसंदी के सामने जमकर नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंच गए। इस पर अध्यक्ष डॉ. महंत ने सभी 14 विधायकों को निलंबित कर बाहर जाने कहा। फिर एक मिनट बाद सभी का निलंबन खत्म कर दिया।
बसपा विधायक इंदु बंजारे ने शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए कहा कि नग्न प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर कार्रवाई शर्मनाक है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने नग्न प्रदर्शन करने वाले युवाओं की निशर्त रिहाई की मांग की। इसका भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर व धरमलाल कौशिक ने समर्थन किया। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि इस घटना से पूरा छत्तीसगढ़ शर्मसार हुआ है। आखिर ये स्थिति निर्मित क्यों हुई ये बड़ा सवाल है। सरकार पर लानत है। सरकार की अकर्मण्यता की पराकाष्ठा है। दोषी किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई है। युवकों को जेल में डाल दिया गया है। वहीं अजय चंद्राकर ने कहा कि चेतावनी देने के बाद भी सरकार नहीं जागी। सरकार इस पर स्थगन ग्राह्य करे।
इस पर मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि ये आप लोगों का ही पाप है। फर्जी नियुक्ति भाजपा शासन में हुई। 15 साल तक भाजपा ने फर्जी काम ही किए। इस पर बीजेपी के सदस्यों ने सरकार पर जमकर हमला बोला। भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने के बजाय प्रदर्शन करने वाले युवकों पर ही कार्रवाई की जा रही है। जो सरकार युवाओं को नंगा होकर प्रदर्शन करने पर मजबूर करे। इससे हम सभी शर्मसार हुए हैं।
विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि एक साधु अगर नंगा होकर आता है तो पूजा की जाती है, लेकिन एक युवा अपने हक की बात करने आता है तो उस पर कार्रवाई होती है। भाजपा सदस्य कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि यह अनुसूचित जाति वर्ग के युवकों को कुचलने का प्रयास है। वहीं धर्मजीत सिंह ने कहा कि नग्न प्रदर्शन करने वाले युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए और हाई पावर कमेटी से इस मामले की जांच कराई जाए। इस स्थिति के लिए जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। जनता का हंटर उल्टा पड़ेगा तो कोई नहीं बचेगा।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सदन में कहा कि यह संवेदनशील मामला है। इससे राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए। छत्तीसगढ़ का व्यक्ति संकोची होता है। ऐसा आंदोलन क्यों करना पड़ा। चीफ सेक्रेटरी और विभाग के अधिकारियों की हाई पावर कमेटी बनाई जाए और इसकी जांच की जाए। इसके बाद इस मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी जवाब में शोर मचाया। शोर शराबा देख उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
इसके बाद पुनः सदन की कार्यवाही शुरू होने पर इस मामले में हंगामा जारी रहा। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि इगर सरकार में नैतिकता है तो अब तक कार्रवाई नहीं करने को लेकर सीएम को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। नग्न होकर प्रदर्शन की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। भाजपा सदस्यों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए इस पर स्थगन का प्रस्ताव दिया है।
इस पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने वक्तव्य दिया। मंत्री साहू ने इस पर बोलते हुए कहा कि यह कहना सही नहीं है कि पूर्व में युवाओं द्वारा शासन-प्रशासन को प्रदर्शन की जानकारी दी गई। युवाओं नेआमासिवनी के पास अचानक नग्न प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ने का प्रयास किया। इस पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने पुलिस जवानों के साथ झूमाझटकी की। इसमें एक जवान को कुछ चोट भी आई है। जवान की शिकायत पर नग्न प्रदर्शन कर रहे 29 युवाओं की गिरफ्तारी की गई है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल व बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह ठोस बयान नहीं है। दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई है। यह कहते हुए भाजपा सदस्य नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में आसंदी के सामने पहुंच गए। इस पर विस अध्यक्ष डॉ. महंत ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य करते हुए सभी 14 विधायकों को निलंबित कर बाहर जाने कहा। विधायकों के बाहर जाने के बाद अध्यक्ष डॉ. महंत ने सभी का निलंबन खत्म कर दिया।