0 विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से एक हफ्ते के भीतर इस मामले की रिपोर्ट मांगी
रायपुर। विधानसभा में मानसून सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बाल पत्रिका किलोल की खरीदी को लेकर खूब शोर-शराबा हुआ। विपक्ष ने पत्रिका खरीदी के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठा करने का आरोप लगाया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे से एक हफ्ते के भीतर किलोल पत्रिका की खरीदी से जुड़े तमाम जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा है।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर इस मामले को उठाया। इस पर सदन में जमकर बहस हुई। अजय चंद्राकर ने पूछा कि इस पत्रिका को खरीदने का निर्देश क्या है। मंत्री श्री चौबे ने बताया कि स्कूलों में मासिक बाल पत्रिका और अन्य पत्रिका खरीदी के लिए प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा द्वारा आदेश जारी किए गए। पत्रिकाओं की खरीदी के लिए सीआरसी अनुदान राशि के उपयोग करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए। केवल किलोल के लिए आदेश नहीं है, बल्कि सभी पत्र- पत्रिकाओं के लिए आदेश है। श्री चौबे ने बताया कि स्कूलों में बाल पत्रिका की आजीवन सदस्यता ग्रहण करते हुए संकुल समन्वयकों द्वारा अपने संकुल की शालाओं में बच्चों को पत्रिका के विभिन्न गीत, कविता व कहानियों का वाचन करवाए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही संकुल के बच्चों और शिक्षकों को पत्रिका में अपनी आलेख भेजने के लिए प्रेरित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए राज्य में में प्रत्येक मासिक पत्रिका किलोल की आजीवन सदस्यता के लिए 10 हजार रुपए व्यय करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस पर श्री चंद्राकर ने पूछा कि किलोल पत्रिका की खरीदी के लिए निर्देश जारी हुए हैं या अन्य पत्रिकाओं के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। इस पर मंत्री श्री चौबे ने बताया कि सभी पत्रिकाओं के खरीदने के लिए आदेश दिए गए हैं। संकुल के लोग खरीदते हैं। कोई छिपाने की बात नहीं है। हमने किलोल के लिए आदेश दिया है। लाइब्रेरी के लिए भी सभी तरह की बाल पत्रिकाओं के लिए आदेश जारी किया जाता है।
इस पर श्री चंद्राकर ने किलोल और अन्य पत्रिकाओं की खरीदी के लिए नियम और प्रक्रियाओं की जानकारी मांगी। इसपर मंत्री श्री चौबे ने बताया कि प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा निर्देश जारी किया गया है। स्कूलों में इस तरह की खरीदी की जाती है। श्री चौबे ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में भी श्यामाप्रसाद मुखर्जी और अन्य की किताबें खरीदी गई थी। मंत्री के जवाब से श्री चंद्राकर संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने कहा कि वे स्कूल शिक्षा मंत्री रहे हैं। उन्होंने उनके कार्यकाल के दौरान हुए खरीदी की जांच की भी चुनौती दी।
श्री चंद्राकर ने कहा कि निजी लोगों पर भी दबाव डालकर किलोल पत्रिका खरीदवाई गई है। उन्होंने यह भी पूछा कि कितने बच्चों के आलेख पत्रिका में छपे हैं। इस बीच विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि किलोल की खरीदी के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठे किए गए हैं। यदि पुस्तक छपना बंद हो जाए तो क्या होगा। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री श्री चौबे को एक हफ्ते के भीतर किलोल पत्रिका खरीदी से संबंधित तमाम जानकारियां उन्हें उपलब्ध कराने को कहा।