0 इंटरनेट बंद, धारा 144 लागू
नूंह। हरियाणा के नूंह में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की तरफ से निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा के दौरान बवाल हो गया। दो गुटों में हुए टकराव के बाद तीन दर्जन से ज्यादा गाड़ियों को आग लगा दी गई। पुलिस पर भी पथराव किया गया। भीड़ की तरफ से चली गोली में होमगार्ड के एक जवान की मौत हो गई है।
हिंसा में कई लोग और पुलिसवाले घायल हो गए। मेवात के डीएसपी सज्जन सिंह के सिर में गंभीर चोट लगी है। गुरुग्राम क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अनिल के पेट में गोली लगी है।
उपद्रवियों ने नूंह के साइबर थाना पर भी हमला कर दिया। उपद्रवियों ने पथराव किया और बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी। हंगामे को देख पुलिसकर्मियों को जान बचाकर भागना पड़ा। मेवात के कस्बे नगीना और फिरोजपुर-झिरका में भी कई जगह आगजनी की गई।
इससे पहले उप्रदवियों ने स्कूल बस में भी तोड़फोड़ की थी। बस में बच्चे थे या नहीं, ये अभी साफ नहीं हुआ है। बस को उपद्रवी लूट ले गए और थाने को तोड़ने के लिए उसकी दीवार में टक्कर मार दी। नूंह जिला प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए दूसरे जिलों से पुलिस फोर्स बुलाई है, साथ ही पूरे जिले में धारा 144 लगाते हुए दो अगस्त यानी 2 दिन के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया। जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं।
वहीं उपद्रवी अब गुरुग्राम तक पहुंच गए हैं। यहां सोहना में एक गाड़ी को फूंक दिया गया। इतना ही नहीं दो गाड़ियों पर छतों पर बैठी महिलाओं ने जबरदस्त पथराव कर दिया। हिंसा शुरू होते ही व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दी। गुरुग्राम के डीसीपी ईस्ट नीतीश अग्रवाल ने कहा कि स्थिति कंट्रोल में है। पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
ब्रजमंडल यात्रा नूंह के नल्हड़ शिव मंदिर से फिरोजपुर-झिरका की तरफ रवाना हुई थी। जैसे ही यात्रा तिरंगा पार्क के पास पहुंची, वहां एक समूह के लोग पहले से जमा थे। आमने-सामने आते ही दोनों पक्षों में तकरार हो गई और देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया।
शिव मंदिर में फंसी महिलाएं
नूंह के नल्हड़ शिव मंदिर में अभी भी काफी लोगों के फंसे होने की बात सामने आई है। इनमें काफी संख्या में महिलाएं हैं। इसके आसपास उपद्रवियों की भीड़ जमा है। जिस वजह से वे सोशल मीडिया के जरिए सरकार से सुरक्षित बाहर निकालने की अपील कर रही हैं।
40 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी
सोमवार दोपहर को सबसे पहले तिरंगा पार्क के पास हिंसा भड़की जिसने देखते ही देखते पूरे नूंह शहर को अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान पुराना बस स्टैंड, होटल बाइपास, मेन बाजार, अनाज मंडी और गुरुग्राम-अलवर हाईवे पर एक के बाद एक गाड़ियां फूंक दी गई। दोपहर तक 40 से ज्यादा वाहनों में आगजनी और तोड़फोड़ हो गई। इनमें कारों के अलावा बसें, बाइक, स्कूटी और दूसरे वाहन शामिल रहे। गाड़ियों में लगाई गई आग की वजह से नूंह शहर के आसमान में धुआं ही धुआं नजर आने लगा।
मंदिरों में भी तोड़फोड़
नूंह में भड़की हिंसा की चिंगारी मंदिरों तक भी पहुंच गई। उपद्रवियों ने कई जगह मंदिरों में तोड़फोड़ करने के अलावा आगजनी की कोशिश की। नूंह सिटी में पलड़ी रोड श्मशान घाट के पास काली माता मंदिर में उपद्रवियों ने खूब तोड़फोड़ की। भीड़ इतनी बेकाबू थी कि उसने मंदिर के आसपास के घरों पर भी जमकर पत्थर बरसाए ताकि वहां से कोई बाहर न निकल सके।
पुलिस की 10 कंपनियां बुलाई
हिंसा शुरू होते ही पूरे नूंह शहर की मार्केट बंद हो गई। सबसे पहले तिरंगा पार्क के आसपास के इलाके की दुकानें बंद हुईं। उसके बाद देखते ही देखते नूंह सिटी के मेन मार्केट के अलावा नया बाजार, गली बाजार और होडल बाइपास समेत शहर के दूसरे मार्केट भी दुकानदारों ने बंद कर दिए। शाम 5 बजे तक नूंह चौक पर सबसे ज्यादा तनाव बना रहा। हिंसा के कारण शहर के ज्यादातर इलाकों में भय और तनाव का माहौल बना रहा। जिला प्रशासन ने स्थिति को कंट्रोल करने के लिए साथ लगते पलवल, फरीदाबाद और रेवाड़ी जिलों से पुलिस की 10 कंपनियां बुला ली हैं।
गांवों से हथियार लेकर पहुंचे उपद्रवियों ने मचाई लूटपाट
ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा भड़कते ही आसपास के ग्रामीण इलाकों से अलग-अलग युवाओं के ग्रुपों ने नूंह शहर की तरफ कूच कर दिया। हथियारों से लैस इन लोगों ने रास्ते में आने वाले वाहनों में तोड़फोड़ की और लूटपाट मचाई। उपद्रवियों ने कई जगह पुलिस टीमों पर भी हमला किया। इनके उत्पात से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गए। नूंह शहर में बवाल के बाद हालात इस कदर खराब हो गए कि व्यापारी भी खौफ में आ गए। नूंह अनाज मंडी में कुछ व्यापारियों से लूटपाट की बात सामने आई। हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।
सरकार बोली- दंगाइयों को बख्शेंगे नहीं
सीएम मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। आसपास के जिलों की पुलिस नूंह पहुंच चुकी है। लोगों से अपील है कि वह घरों से बाहर न निकलें ताकि असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की जा सके। आम लोग घर पर रहेंगे तो पुलिस-प्रशासन को दंगाइयों से निपटने में आसानी होगी।