0 ई-बस योजना में 3 लाख से ज्यादा आबादी वाले 100 शहर कवर होंगे
नई दिल्ली। कैबिनेट ने बुधवार 16 अगस्त को विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी। इसके जरिए देश के छोटे कामगारों को लोन से लेकर स्किल डेवलप करने में मदद मिलेगी। इस स्कीम पर 5 साल में सरकार के 13,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। विश्वकर्मा योजना का लक्ष्य बुनकर, सुनार, लोहार, कपड़े धोने का काम करने वाले, नाई आदि को सशक्त बनाना है।
इसके अलावा पीएम ई-बस सेवा के तहत 10,000 बसों को चलाने की भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी।
10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम ई-बस सेवा योजना पर 57,613 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें से 20,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और शेष राज्य सरकारें देंगी। इसके तहत देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर बसों का संचालन होगा। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले 169 शहरों को कवर करेगी। इस योजना से 45,000 से 55,000 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।
32,500 करोड़ की 7 रेल परियोजनाओं को मंजूरी
कैबिनेट ने रेल मंत्रालय की सात परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इस पर लगभग 32,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर का विस्तार करेगी।
ये नई रेलवे परियोजनाएं नौ राज्यों
यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना के 35 जिलों को कवर करेंगी।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के विस्तार को मंजूरी
कैबिनेट ने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के विस्तार को भी मंजूरी दी। इस पर 14,903 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने आईटी प्रोफेशनल्स के स्किल लेवल में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 5.25 लाख आईटी प्रोफेशनल्स को रीस्किल और अपग्रेड किया जाएगा। 2.65 लाख लोगों को आईटी में ट्रेंड किया जाएगा। नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत 18 सुपर कंप्यूटर तैनात किए जा चुके हैं। अब इसमें नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे।