0 ब्राजील के राष्ट्रपति बोले-भुखमरी के खिलाफ लड़ेंगे
नई दिल्ली। जी20 समिट के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को सौंप दी। इसके साथ ही पीएम ने समिट के समापन का ऐलान किया। ब्राजील अगले साल होने वाली जी20 समिट का आयोजन करेगा। पीएम ने संस्कृत भाषा में कहा कि स्वस्ति अस्तु विश्वस्य! यानी संपूर्ण विश्व में आशा और शांति का संचार हो।
समिट के आखिरी सेशन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया बदल रही है इसके साथ दुनिया के संस्थानों को भी बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अभी तक उतने ही सदस्य हैं जितने इसकी स्थापना के वक्त थे। स्थायी देशों की संख्या बढ़नी चाहिए। इसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि गरीब देशों की कर्ज की समस्या पर ध्यान देना होगा। दुनिया को भुखमरी खत्म करने की कोशिश बढ़ानी होगी।
अध्यक्षता मिलने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा- आज महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते वक्त मैं काफी भावुक हो गया था। सब जानते हैं कि मेरे राजनीतिक जीवन में महात्मा गांधी का कितना महत्व है। उन्होंने कहा कि ब्राजील की प्रेसिडेंसी की 3 प्राथमिकताएं होंगी।
1) सामाजिक न्याय और भुखमरी के खिलाफ लड़ाई।
2) सस्टेनेबल डेवलपमेंट।
3) दुनिया के संस्थानों में बदलाव।
लूला डा सिल्वा को अध्यक्षता सौंपते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो दिनों में, आप सभी ने अनेक बातें यहां रखी हैं, सुझाव दिए हैं, बहुत सारे प्रस्ताव रखे हैं। हमारी ये जिम्मेदारी है कि जो सुझाव आए हैं, उनको भी एक बार फिर देखा जाए कि उनकी प्रगति में गति कैसे लाई जा सकती है। मेरा प्रस्ताव है कि हम नवंबर के अंत में जी-20 समिट का एक वर्चुअल सेशन और रखें। उस सेशन में हम इस समिट के दौरान तय विषयों की समीक्षा कर सकते हैं।
जी20 समिट खत्म होने के बाद यूक्रेन में सीजफायर के मुद्दे पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हमें नेगोसिएशन से कोई दिक्कत नहीं है। जमीनी हकीकत को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
इससे पहले तीसरे सेशन के दौरान घोषणा पत्र पर औपचारिक मुहर लगाई गई। शिखर सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले ब्राजील और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को पौधे भेंट किए। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन वियतनाम दौरे के लिए रवाना हो गए।
फ्रेंच प्रेसिडेंट मैक्रों के साथ पीएम मोदी का लंच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ लंच पर बातचीत की। पीएम मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो से भी बातचीत की। बैठक के बाद खालिस्तान के मुद्दे पर ट्रूडो ने कहा कि बीते कुछ सालों में मेरी पीएम मोदी से इस मुद्दे पर बात हुई है। हम हमेशा से अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का अधिकार है। पीएम मोदी ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो से भी चर्चा की। ट्रूडो ने कहा कि इसके साथ ही हम हिंसा का विरोध करते हैं और किसी भी तरह की नफरत की भावना को दूर करेंगे। ये ध्यान रखना चाहिए कि कुछ लोगों के एक्शन पूरे कनाडा की सोच को नहीं दर्शाते हैं। हम कानून की इज्जत करते हैं। इसके बाद मोदी और तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने भी द्विपक्षीय बैठक की।
जी20 लीडर्स ने राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि दी
जी20 समिट के दूसरे और आखिरी दिन G20 और मेहमान देश के नेताओं ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। राजघाट पर प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नेताओं का खादी के शॉल के साथ स्वागत किया। सभी नेताओं को राजघाट के बारे में जानकारी भी दी। राजघाट पर पीएम मोदी ने सभी विदेशी मेहमानों व राष्ट्राध्यक्षों का खादी के साल पहनाकर स्वागत किया।
साझा घोषणा पत्र पर सहमति
शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में पीएम मोदी ने बतौर अध्यक्ष सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित किया। डिक्लेरेशन पास होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र मंजूर किया है। सभी लीडर्स ने माना है कि जी20 राजनीतिक मुद्दों को डिस्कस करने का प्लेटफॉर्म नहीं है। घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है।
जयशंकर से टेररिज्म और अफ्रीकी यूनियन को जी20 में शामिल किए जाने पर भी सवाल हुए। इस पर विदेश मंत्री ने कहा- आप इस समिट का बाली समिट से कंपैरिजन न करें। बाली एक साल पहले था, अब नई दिल्ली है। यूक्रेन मुद्दे और फूड सिक्योरिटी जैसे मसलों का 7 पैराग्राफ में जिक्र किया गया है। मोदी ने जकार्ता और इसके पहले भी अपने सहयोगी नेताओं से बातचीत (यूक्रेन का नाम नहीं लिया) की थी। अफ्रीकी यूनियन के प्रेसिडेंट (सेनेगल के राष्ट्रपति) पिछले साल बाली में मोदी के पास आए थे। तब उन्होंने मोदी से कहा था कि हमें जी20 में जगह क्यों नहीं मिलती? मुझे याद है तब प्रधानमंत्री ने उनसे कहा था कि मैं आपको नई दिल्ली में जी20 की सदस्यता दिलाने की गारंटी देता हूं।
जयशंकर से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के न आने पर भी सवाल किया गया। इस पर जयशंकर ने कहा कि हमें लगता है कि हर देश को ये हक है कि वो किस लेवल पर शिरकत करना चाहता है। इसके मायने इससे ज्यादा नहीं होने चाहिए। चीन ने काफी सपोर्ट किया है।