Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 सिब्बल बोले- सेना की बनवाई रिपोर्ट पर एफआईआर क्यों
0 सरकार बोली- राष्ट्रीय मुद्दा क्यों बनाएं
इंफाल। मणिपुर सरकार की ओर से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) के मेंबर्स के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। एडिटर्स गिल्ड के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि रिपोर्ट भारतीय सेना की अपील पर बनाई गई थी। इसलिए इसके लिए एडिटर्स गिल्ड पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह किसी भी एफआईआर को रद्द नहीं कर रहा है। बल्कि मामले को हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की संभावना तलाश रहा है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है।

एडिटर्स गिल्ड ने 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

पिछली सुनवाई में गिरफ्तारी से सुरक्षा दी थी
मामले में पिछली सुनवाई 6 सितंबर को हुई थी, तब कोर्ट ने मणिपुर पुलिस को निर्देश दिए थे- 11 सितंबर तक एडिटर्स गिल्ड के मेंबर्स के खिलाफ कोई एक्शन न लिया जाए। सीजेआई मामले की सुनवाई शुरू होने पर ईजीआई के मेंबर्स को चार सप्ताह की सुरक्षा देने का विचार कर रहे थे, लेकिन बेंच के साथियों से बात करने के बाद उन्होंने मामले को 11 सितंबर को सुनने के लिए लिस्ट कर लिया।

कोर्ट में दी गईं 3 बड़ी दलीलें
एडिटर्स गिल्ड के वकील श्याम दीवानः ईजीआई ने 7 से 10 अगस्त के बीच राज्य का दौरा करने और पीड़ितों से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई थी। रिपोर्ट में आई गलतियों को तुरंत ठीक कर लिया गया था।

एडिटर्स गिल्ड के वकील श्याम दीवानः 2 सितंबर को रिपोर्ट जारी होने के बाद मणिपुर पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थीं। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के बयान सुनने के बाद पत्रकार अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के बारे में चिंतित थे। सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ईजीआई भावनाओं को भड़का रहा है।

मणिपुर सरकार के वकील कानू अग्रवालः मेरी कोर्ट से अपील है कि मामले की सुनवाई सोमवार को तय की जाए। या याचिकाकर्ताओं को वैकल्पिक रूप से राहत के लिए मणिपुर हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया जाए।