Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 कानपुर में टीचर के हाथ में कलावा और तिलक देखकर गोली मारी थी

लखनऊ। लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने आईएसआईएस से जुड़े दो आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है। 4 सितंबर 2023 को एटीएस/एनआईए की विशेष अदालत ने कानपुर में रिटायर्ड शिक्षक रमेश बाबू की हत्या के मामले में आतंकी आतिफ और फैसल को दोषी करार दिया था। गुरुवार को दोनों की वर्चुअली पेशी हुई।

न्यायाधीश दिनेश चंद्र मिश्रा की कोर्ट ने दोनों पर 15-15 लाख का जुर्माना भी लगाया है। सरकारी वकील बृजेश कुमार यादव ने बताया कि तीन अलग-अलग धाराओं 302 में फांसी, 120बी में फांसी, 16 यूएपीए में फांसी और चौथे 18 यूएपीए में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

एनआईए के विशेष वकील कौशल किशोर शर्मा ने कहा कि मैंने मृत्यु दंड देने की मांग करते हुए कोर्ट में कहा कि इन दोनों ने एक निर्दोष अध्यापक की केवल उनके हाथ में बंधे कलावा और माथे पर तिलक देखकर हत्या की थी। जहां अच्छा इंसान बनने की शिक्षा दी जाती है, वहां जिहाद पर चर्चा का माहौल बनाया। इनका अपराध रेयर व रेयरेसट की श्रेणी मे आता है। इसके आधार पर कोर्ट ने मृत्युदंड दिया।

स्कूल से लौटते समय टीचर को मारी थी दो गोली
24 अक्टूबर 2016 को टीचर रमेश छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। वह स्कूल से करीब 500 मीटर दूर ही पहुंचे थे कि दो लड़कों ने पिस्टल निकाली और रमेश के सीने में एक के बाद एक दो गोलियां दाग दीं। रमेश जमीन पर गिरे और तड़पने लगे। कुछ देर बाद उनकी सांस थम गई। गोली की तेज आवाज सुनकर वहां मौजूद लोग रमेश की तरफ भागे। तब तक हमलावर वहां से फरार हो गए। उधर, खून से लथपथ रमेश को किसी तरह पास के कांशीराम हॉस्पिटल पहुंचाया गया। जहां इलाज से पहले ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सरेआम एक रिटायर्ड टीचर की मौत के बाद 7 महीने तक पुलिस हत्यारों को खोजती रही। कुछ पता नहीं चला। हत्या के 200 दिन बाद एनआईए यानी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि रमेश बाबू को मारने वाले कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि आईएसआईएस के आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल हैं।

टीचर हत्या के तार एमपी में हुए ट्रेन ब्लास्ट के आरोपियों से जुड़े थे
कानपुर में टीचर की हत्या की वारदात के पांच महीने बाद मध्यप्रदेश में एक बड़ी आतंकी घटना हुई। किसी ने नहीं सोचा था कि कानपुर में हुई हत्या की घटना का कनेक्शन दुर्दांत आतंकियों से जुड़ा हुआ है। दरअसल, 7 मार्च, 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास बम धमाके हुए थे। जिसमें दो दर्जन के करीब लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे। जांच के दौरान उजागर हुआ कि ये आतंकी हमला है।