0 नेहरू, इंदिरा, राजीव की तारीफ की
0 आज से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी
नई दिल्ली। पुरानी संसद में सोमवार को संसद की कार्यवाही का आखिरी दिन है। मंगलवार यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। पीएम ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा कि ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था। उन्होंने कहा कि सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन ने दिया।
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे। उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है। विपक्षी गठबंधन इंडिया से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी।
प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला बच्चा पार्लियामेंट पहुंचा
पीएम ने पहली बार संसद में प्रवेश करने की यादों को ताजा करते हुए कहा कि पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करने के बाद मैंने अंदर पैर रखा। मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा।'
परिवार पुराना घर छोड़कर जाता है, तो कई यादें ले जाता है
पीएम ने कहा कि इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है। परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर में जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं। हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया
पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू, शास्त्री से लेकर अटल, मनमोहन सिंह तक कई नाम हैं जिन्होंने इस सदन का नेतृत्व किया। सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नए रंग रूप में ढालने के लिए उन्होंने परिश्रम किया है, पुरुषार्थ किया है। आज उन सबका गौरवगान करने का अवसर है। सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोहिया, चंद्रशेखर, आडवाणी न जाने अनगिनत नाम, जिन्होंने हमारे इस सदन को समृद्ध करने में, चर्चाओं को समृद्ध करने का काम किया है।
नेहरू जी के गुणगान में कौन होगा, जो ताली नहीं बजाएगा
पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बहुत सी बातें ऐसी थी जो सदन में हर किसी की तालियों की हकदार थी, लेकिन शायद उसमें भी राजनीति आगे आ गई। नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा, तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा। शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौसला इसी सदन से बढ़ाया था। वहीं इंदिरा गांधी ने इसी सदन से बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन का नेतृत्व किया।
अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके
पीएम मोदी ने कहा कि शुरुआत में महिला सदस्यों की संख्या कम थी, धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ी। प्रारंभ से अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसद आईं। इंद्रजीत गुप्ता जी 43 साल तक इस सदन के साक्षी रहे। शफीकुर्रहमान 93 साल की उम्र में सदन आ रहे हैं। हमारे यहां संसद भवन के गेट पर लिखा है, जनता के लिए दरवाजे खोलिए और देखिए कि कैसे वो अपने अधिकारों को प्राप्त करते हैं। वक्त के साथ संसद की संरचना भी बदलती गई। समाज के सभी तबके के लोगों का यहां योगदान रहा है।
संसद पर आतंकी हमला, हमारी जीवात्मा पर हमला था
पीएम मोदी ने 2001 में संसद में हुए हमले को भी याद किया। पीएम ने कहा कि यह हमला इमारत पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर हमला हुआ था। ये देश उस घटना को कभी नहीं भूल सकता। आतंकियों से लड़ते हुए जिन सुरक्षाकर्मियों ने हमारी रक्षा की, उन्हें कभी नहीं भूला जा सकता। आतंकियों से लड़ते- लड़ते, सदस्यों को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं आज मैं उनको भी नमन करता हूं।
संसद भवन में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का
आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन के रूप में पहचान मिली। इस इमारत का निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था। हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था। पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे।
मोदी ने सत्र के पहले कहा- ये सत्र छोटा है, लेकिन ऐतिहासिक है
पीएम सुबह 10.45 बजे संसद पहुंचे। उन्होंने कहा कि ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के लिहाज से बड़ा है। पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी सांसद उमंग और उत्साह के वातावरण में मिले। रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए। जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं, जो उमंग से भर देते हैं। मैं इस छोटे सत्र को इसी रूप में देखता हूं।