0 इलेक्ट्रॉन की स्टडी के लिए मिला सम्मान
स्टाकहोम। फिजिक्स में 2023 का नोबेल प्राइज पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एन हुलियर को मिला है। कमेटी ने इलेक्ट्रॉन्स पर स्टडी के लिए इन्हें ये खिताब दिया है। एनी हुलियर फिजिक्स के फील्ड में नोबेल जीतने वाली पांचवीं महिला बनी हैं। अब तक फिजिक्स के क्षेत्र में 119 लोगों को इस खिताब से नवाजा गया है।
इससे पहले सोमवार यानी, 2 अक्टूबर को मेडिसिन क्षेत्र में नोबेल प्राइज कैटलिन कारिको और ड्रू वीसमैन को मिला है। नोबेल प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन एक सप्ताह तक चलेगा।
इलेक्ट्रॉन की स्टडी के लिए सूक्ष्म किरणें उत्पन्न की
पूरी दुनिया मैटर से बनी है। वहीं, मैटर अनगिनत एटम्स से मिलकर बनता है। एक एटम में कई इलेक्ट्रॉन्स होते जो अलग-अलग ऑर्बिट्स में मौजूद होते हैं। ये लगातार मूव करते रहते हैं। जब इलेक्ट्रॉन एक ऑर्बिट से दूसरे ऑर्बिट में जाता है तो इनके एनर्जी लेवल में बदलाव आता है। इस बदलाव को समझने के लिए लाइट की एटोसेकेंड पल्स की मदद ली जाती है। इन फिजिसिस्ट्स ने ऐसे तरीकों को इजात किया, जिसके जरिए लाइट की ऐसी ही सूक्ष्म तरंगों को उत्पन्न किया था। इससे इलेक्ट्रॉन्स के मूवमेंट और इनमें होने वाले एनर्जी चेंज की स्टडी में मदद मिलेगी।
अब फिजिक्स क्षेत्र में नोबेल प्राइज के बारे में जानते हैं
27 नवंबर 1895 को अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी अंतिम वसीयत और वसीयतनामा पर हस्ताक्षर किए। इससे उन्होंने अपने वसीयत का सबसे बड़ा हिस्सा पुरस्कारों की एक सीरीज, नोबेल प्राइज को दे दिया। नोबेल प्राइज फिजियोलॉजी, मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, लिटरेचर, पीस और इकोनॉमिक साइंस के क्षेत्र में दिया जाता है। अल्फ्रेड के वसीयतनामा के मुताबिक, फिजिक्स नोबेल प्राइज उस व्यक्ति को दिया जाए, जिसने फिजिक्स क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण खोज या आविष्कार किया होगा। 1921 से 2023 तक फिजिक्स में कुल 119 नोबेल प्राइज दिए गए हैं। 1916, 1931, 1934, 1940-41 और 1942 में फिजिक्स नोबेल प्राइज नहीं दिए गए थे। इसका निर्णय नोबेल फाउंडेशन ने लिया था। नोबेल फाउंडेशन नियम के मुताबिक यदि कोई खोज या अविष्कार तय मापदंड के पैमाने पर खरा नहीं उतरता, तो पुरस्कार राशि अगले वर्ष तक के लिए आरक्षित रखी जाती है। प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कम नोबेल पुरस्कार दिए गए थे।