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नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि वह माफिया की तरह काम कर रही है और जो सच बोलता है उसे सजा दी जाती है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल पर ट्वीट कर आज कहा कि इस सरकार में हालात यह हो गये हैं कि जो सच बोलेगा, उसे सजा मिलेगी। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दिनों नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के भ्रष्टाचार और बड़े घोटालों को उजागर किया था इस संस्थान के जिन अधिकारियों ने इस मामले की जांच की उनका अब स्थानांतरण कर दिया गया है और उन्हें इसकी सजा दी जा रही है।
पार्टी ने कहा, “कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मोदी सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना, भारतमाला प्रोजेक्ट और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं में भारी घोटाला किया है। हमारी मांग है कि अधिकारियों के ट्रांसफर आदेशों को तुरंत रद्द किया जाए, उन्हें सच बोलने की सजा न दी जाए। साथ ही जिन योजनाओं में घोटाले उजागर हुए हैं, उनसे जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जाए।”
इस बीच पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “कैग के तीन अधिकारी हैं, जिन्होंने संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश की गई एक रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर घोटालों का ख़ुलासा किया था। कैग रिपोर्ट में ढांचागत और सामाजिक योजनाओं में घोटाले को उजागर किया गया था। रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेसवे में 1400 प्रतिशत लागत बढ़ने और टेंडरिंग में धांधली सामने आई थी। राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से 3,600 करोड़ रुपए की हेराफेरी, दोषपूर्ण बोली प्रक्रिया और भारतमाला योजना की लागत 60 प्रतिशत बढ़ने की बात भी रिपोर्ट में थी। इतना ही नहीं, आयुष्मान भारत योजना के ऑडिट में मृत मरीज़ों के लाखों क्लेम्स और कम से कम 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए। अब, आयुष्मान भारत और द्वारका एक्सप्रेसवे घोटालों पर रिपोर्टिंग के प्रभारी कैग के तीन अधिकारियों का मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके बावजूद कि कैग को एक स्वतंत्र निकाय माना जाता है।