जगदलपुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ के पहले चरण की 20 सीटों पर मंगलवार शाम 5 बजे मतदान खत्म हो गया। दोपहर 3 बजे तक 59.19 प्रतिशत मतदान हो चुका था। मतदान के दिन नक्सलियों ने जिले में उत्पात मचाने का प्रयास किया। कांकेर, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर में नक्सली मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में कई नक्सलियओं के मारे जाने की सूचना है। सुकमा में दो अलग-अलग आईईडी ब्लास्ट में 3 जवान घायल हुए हैं।
वहीं कांकेर, सुकमा, बीजापुरऔर नारायणपुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर की 4 घटनाएं भी सामने आई हैं।
सुकमा : ताड़मेटला और दुलेड के बीच सीआरपीएफ जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। मीनपा में पोलिंग पार्टी को सुरक्षा देने के लिए जवान जंगल में तैनात थे, इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया। करीब 20 मिनट तक चली मुठभेड़ में कुछ जवानों के घायल होने की आशंका है। वहीं चिंतलनार क्षेत्र के लक्खापाल के पास नक्सली फायरिंग और आईईडी ब्लास्ट में एक जवान घायल हो गया है। इससे पहले नक्सलियों ने कोंटा के बंडा इलाके में पोलिंग बूथ के बाहर हमला कर दिया। जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तो नक्सली भाग निकले। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने दूरमा और सिंगाराम के जंगल में बीजीएल भी दागे। टोडामर्का में भी नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था। इसकी चपेट में आकर सीआरपीएफ कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया।
कांकेर : बांदे क्षेत्र के माड़पखांजूर और उलिया के जंगल में BSF और बस्तर फाइटर्स के जवानों से नक्सलियों की भिड़ंत हुई है। करीब आधा घंटा चली मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले। एक बड़े कैडर के नक्सली के घायल होने का दावा है। मौके से एके -47 रायफल बरामद की गई है। मुठभेड़ में एक किसान गोली लगने से घायल हुआ है। वहीं मतदान के बीच बांदे क्षेत्र में अंतागढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी रूपसिंह पोटाई और निर्दलीय प्रत्याशी मंतुराम पवार को नक्सलियों ने धमकी दी है। नक्सलियों ने धमकी भरे पत्र भेजे हैं। इसमें जन अदालत में सजा देने का किया ऐलान किया है।
बीजापुर : जिले के गंगालूर मार्ग के बीच भी पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। सीआरपीएफ 85 बटालियन के जवान एरिया डॉमिनेशन पर निकले थे। पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ के बाद नक्सलियों को 2-3 शव उठाकर भागते देखा गया है। मौके पर खून के धब्बे और घसीटने के निशान मिले हैं।
नारायणपुर: नारायणपुर में भी ओरछा के तादुर के जंगल में एसटीएफ जवानों से हुई मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले।
दंतेवाड़ा : जिले के अरनपुर क्षेत्र में नक्सलियों ने मतदान दल को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी प्लांट किया था। इसे जवानों ने बरामद कर लिया है। मतदान दल की सुरक्षा में सीआरपीएफ 111 बटालियन सी कंपनी के जवानों को लगाया गया है। अरनपुर से सोमापारा के बीच जवानों ने 2 किलो की 2 प्रेशर आईईडी बरामद की है।
मोहला-मानपुर: जिला बनने के बाद यहां पहली बार मतदान हो रहा है। ऐसे में यहां के सरखेड़ा गांव के करीब 40 से 50 लोगों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं। इसे लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम मानपुर अमित योगी से शिकायत की है। उन्होंने वोटर लिस्ट से नाम कटवाने का आरोप कांग्रेस विधायक इंदर शाह मंडावी पर लगाया है। इसी गांव में 18 दिन पहले भाजपा नेता की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
बीजापुर: बीजापुर में नक्सलियों के डर से पुस्बाका और टिम्मापुर गांव खाली हो गए हैं। यहां मारूबाका में बने बूथ पर वोटिंग नहीं हुई है। पुस्बाका में 4 और टिम्मापुर में 3 वोटर हैं। जानकारी सामने आने के बाद रिटायर्ड IPS आरके विज ने इस मामले में संज्ञान लेने के लिए कहा है।
बस्तर : बस्तर के चांदामेटा गांव में आजादी के बाद पहली बार मतदान हो रहा है। ये इलाका ओडिशा बॉर्डर के नजदीक है और नक्सलियों का गढ़ रहा है। बूथ बनने के बाद मतदाताओं में उत्साह है। प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े इतजाम किए हैं। बताया जाता है कि झीरम हमले के बाद बड़ी संख्या में नक्सली इसी इलाके में जमा थे।
कवर्धा : जिले के पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भरेवापारा में लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है। बताया जा रहा है कि गांव में विकास नहीं होने के चलते ग्रामीण नाराज हैं। अधिकारी मतदान के लिए ग्रामीणों को मनाने गांव पहुंचे हैं। अभी तक यहां बने बूथ पर एक भी वोट नहीं पड़ा है। वहीं झिरिया खुर्द में भी ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर चुनाव बहिष्कार कर दिया है।
राजनांदगांव: डोंगरगढ़ के छोटे कुसमी में चुनाव बहिष्कार की चेतावनी के चलते मतदान दो घंटे देर से शुरू हुआ। गांव में विकास कार्य नहीं होने से ग्रामीण खफा थे। अधिकारियों के समझाने के बाद वोट डालने पहुंचे।वहीं ढारा और स्वामी आत्मानंद स्कूल के 150 नंबर बूथ के ईवीएम खराब होने से मतदान 2 घंटे बंद रहा।
नारायणपुर : नारायणपुर में 3 दिन पहले नक्सलियों के हमले में मारे गए भाजपा नेता रतन दुबे का परिवार भी वोट डालने पहुंचा। रतन के पिता के साथ उनकी बेटी मतदान करने आई थीं। इस दौरान रतन के पिता ने कहा कि, उनके बेटे की क्या गलती थी, कि उसे मार दिया। मेरे बेटे की पत्नी, भाई, बहू और मैं वोट देने आए हैं। नक्सल समस्या का हल निकलना चाहिए।