Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

रायपुर देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि देश के रिटेल व्यापार के 15 से अधिक व्यापार वर्गों के राष्ट्रीय संगठनों ने कॉर्पोरेट सेक्टर की उन कंपनियों जो वितरकों और डीलर्स के माध्यम से अपना सामान बेचती हैं, के खि़लाफ़ देश भर में कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के नेतृत्व में एक बड़ा मोर्चा खोल दिया है और आगामी 22 दिसंबर को दिल्ली में उस मुद्दे पर एक विराट व्यापारी सम्मेलन करने का निर्णय लिया है जिसमें देश के सभी राज्यों के व्यापारी भाग लेंगे। यह निर्णय कल दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक राष्ट्रीय बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता कैट के कार्यकारी अध्यक्ष श्री ब्रजमोहन अग्रवाल ने की। 

बैठक में फेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल ट्रेडर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया पेपर मर्चेंट्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया ज्वैलरी एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स डीलर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया टायर डीलर्स एसोसिएशन, टॉयस एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, ऑल इंडिया खाद्य तेल डीलर्स एसोसियेशन, फार्मास्यूटिकल डीलर्स एसोसिएशन सहित हार्डवेयर, रबर प्लास्टिक, कंज्यूमर डयूरेबल्स, स्टेशनरी, खाद्य वस्तुओं, टूर एवं ट्रैवेल्स आदि के व्यापारिक संगठनों के व्यापारी नेता भी शामिल हुए।

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया कि कॉर्पोरेट सेक्टर के निर्माता अपने उत्पाद बेचने के लिए डिस्ट्रिब्यूटर्स एवं डीलर्स बनाते हैं और उनसे एक एग्रीमेंट करते हैं जो एकतरफ़ा होता है जिसके ज़रिए कंपनियाँ अपनी मनमानी करती हैं और जब चाहे किसी का भी वितरण कैंसिल कर देती हैं और वो भी बिना कोई कारण बताए। इससे व्यापारियों को न केवल बड़ी आर्थिक हानि होती है बल्कि उनका सम्मान भी गिरता है। बैठक में सभी व्यापारी नेताओं ने इस विषय को गंभीर मानते हुए अब इस मुद्दे पर आर पार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। 

देश में विभिन्न व्यापार वर्गों के लगभग 20 लाख डस्ट्रिब्यूटर्स एवं डीलर्स हैं जो लगभग 4 करोड़ से अधिक रिटेलर्स को सामान देते हैं वहीं लगभग 4.5 करोड़ अन्य प्रकार के व्यापारी हैं जो सब मिलकर देश के उपभोक्ताओं की ज़रूरतों की आपूर्ति करते हैं। श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि अब समय आ गया है जब पूरे विश्व की इस सबसे बड़ी सप्लाई चेन को चुस्त दुरुस्त किया जाये और इसकी ख़ामियों को ठीक करने के लिए आवश्यक सुधार किए जाएँ। इस विषय पर कैट सरकार से आग्रह करेगा कि एक नेशनल सप्लाई चेन पालिसी बनाई जाए तथा एक फ्रैंचाइज़ क़ानून भी बनाया जाये जिसके अंतर्गत सप्लाई चेन काम करे और जिसके अनुरूप ही एग्रीमेंट का एक संतुलित मॉडल दस्तावेज बनाया जाये।