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0 अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर किए तीखे हमले
रायपुर। विधानसभा में गुरुवार को अनुपूरक बजट की मांग पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर तीखे हमले किए। इस पर चर्चा के लिए 16 विधायकों ने नाम दिए थे। चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस सदस्य उमेश पटेल ने किसान न्याय योजना की चौथी किश्त और बेरोजगारी भत्ता देने, कर्जमाफी करने की मांग रखी। उमेश पटेल ने सरकार पर दोहरा चरित्र का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि हाफ बिजली बिल योजना की स्थिति की भी सरकार से जानकारी मांगी। इस दौरान सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने टोकाटाकी की। इस दौरान अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल ने सवाल पूछे। वहीं सत्ता पत्र की ओर से अजय चंद्राकर ने कहा कि अभी-अभी सरकार बनी, मंत्रिमंडल बना नहीं है और अभी से सवाल उठा रहे हैं। इनका तो सवाल उठाने का नैतिक दायित्व नहीं बनता। उन्होंने कहा कि न्याय योजना गरीबों तक नहीं पहुंची, लेकिन कांग्रेसियों और हाईकमान के न्याय के लिए बनी। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ का मसीहा बनने की कोशिश की। कितने बने यह धीरे-धीरे बात खुलेगी। हमने भाजपा सरकार के दो साल का बकाया बोनस बकाया था, उसे हम 25 दिसंबर को देंगे। उस दिन छुट्टी नहीं होगी। श्री चंद्राकर ने कहा कि जल जीवन मिशन रोजगार मिशन बन गया था। यह कांग्रेसियों व ठेकेदारों के लिए कमिशन की योजना रही। सीएम से मांग है कि इस योजना की सोशल ऑडिट कराई जाए। यह रोजी-रोटी का धंधा बन गया था। अब यह योजना टाइम लिमिट में पूरी होगी। आपने दो साल अतिरिक्त टाइम मांगा। श्री चंद्राकर ने बिरनपुर और बस्तर की घटना की सीबीआई जांच की मांग की। श्री चंद्राकर ने कहा कि पांच सालों में जितनी भी एसआईटी बनी है, उसकी भी जांच होनी चाहिए। कोरोना काल में 2800 करोड़ रुपए जारी की गई थी। किसको कितना, किस मद में खर्च किया गया, इसकी भी जांच होनी चाहिए। वहीं नरवा-घुरुवा-बारी तो घोटालों का अड्डा बन गया। चारागाह में, गोठान में चलकर देखें। एक मद से दूसरे मद में उपयोग कर कैसे पैसे की बर्बादी हुई, इसकी जांच होनी चाहिए। मनरेगा में गौठान बनाने का प्रावधान नहीं है। इसमें करोड़ों डकारे।
उन्होंने कहा कि मैं पीएससी की अब बात नहीं रह रहा हूं। इसकी भी जांच कराई जाए। आत्मानंद स्कूल के नाम पर मात्र रिनोवेशन के नाम पर करोड़ों खर्च किए गए। इसमें कितनी भर्ती की गई, कितने का बजट था। इसकी भी जांच कराई जाए। ये लोग भगवान राम की मूर्ति लगाने के लिए 100 करोड़ खा गए। भगवान राम कभी चंपारण, चंदखुरी नहीं गए और वहां मूर्ति बनाकर पैसे खा गए। उन्होंने उमेश पटेल को कहा कि झीरम केस के पीड़ित मामले में भूपेश बघेल के राजनीतिक कुचक्र का शिकार बने रहे। झीरम केस सिर्फ वोट पाने का साधन था। 5 साल कुछ नहीं किए। जेब में सबूत नहीं निकला।
चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि संभावित मंत्रियों को अग्रिम बधाई, कौन कब कहां कैसे उठेगा पता नहीं। पुराने सोच रहे कुर्सी बचेगी की नहीं नए सोच रहे हैं ये हटे तो हम बनें। इस पर अजय चंद्राकर ने कटाक्ष कर कहा कि, इधर ढाई-ढाई साल वाला कोई नहीं है।

कर्जमाफी और बिजली बिल पर हंगामा
कांग्रेस सदस्य उमेश पटेल ने बिजली बिल हाफ योजना बंद किए जाने को लेकर सवाल किया। कहा कि क्या योजना बंद होगी इसे स्पष्ट करें। योजना को लेकर भाजपा सदस्य जो बयान दे रहे हैं वो सही है या नहीं? तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि, यह भगवा नहीं ठगवा सरकार है। जवाब में मूणत बोले ये ठगवा नहीं भगवा सरकार है।
वहीं कर्जमाफी के मुद्दे पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि, चुनाव प्रचार के दौरान वे जब 2 लाख तक की कर्जमाफी की बात की थी, उस समय घोषणा पत्र नहीं आया था। घोषणा पत्र आने के बाद यह बात नहीं कही गई। इस पर विपक्ष के सदस्यों ने झूठ बोलने और किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया।

पीएससी चयन मामले में भिड़ीं दो पूर्व महिला बाल विकास मंत्री
अनिला भेंडिया ने पीएससी में अधिकारियों के बच्चों के चयन होने पर कहा कि अधिकारी के बच्चे क्यों अधिकारी नहीं बन सकते? जवाब में भाजपा की लता उसेंडी ने इस पर टिप्पणी की तो भाजपा के वरिष्ठ विधायक राम विचार नेताम ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह दो पूर्व महिला बाल विकास मंत्री के बीच का मामला है।
कांग्रेस के विक्रम मंडावी ने कहा कि सरकार का गठन हुए 10 दिन से अधिक हो चुके हैं। अब तक एक भी वादा पूरा नहीं किया जबकि हमने सरकार बनने के कुछ घंटे बाद ही किसानों की कर्जमाफी का वादा निभाया था।

किसान आत्महत्या मामले पर विपक्ष का हंगामा, वॉकआउट किया
इससे पहले सत्र के आखिरी दिन की कार्यवाही शुरू होते ही किसान आत्महत्या मामले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग पर अड़े विपक्ष ने प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया। पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस के बीच विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि पहले से इस पर चर्चा का उल्लेख नहीं है। साथ ही अल्प सूचना में सत्र आहूत की गई। जिसके बाद हंगामा करते हुए विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए।