0 भारतीय नौसेना का पहला वॉरशिप जिसका नाम नॉर्थ-ईस्ट से जुड़ा
मुंबई। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच भारतीय नौसेना अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आईएनएस इंफाल को 26 दिसंबर को कमीशन करने जा रही है। आईएनएस इंफाल को मुंबई डॉकयार्ड में कमीशन किया जाएगा। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे। इसके बाद वॉरशिप पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल हो जाएगा।
इस वॉरशिप को बंदरगाह और समुद्र में टेस्टिंग के बाद 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। इंफाल पहला वॉरशिप है, जिसका नाम नॉर्थ ईस्ट के एक शहर पर रखा गया है। इसके लिए राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी थी।
यह डिस्ट्रॉयर वॉरशिप सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस, एंटीशिप सेंसर्ड मिसाइल, आधुनिक हथियारों, सर्विलांस रडार, 76 एमएम रैपिड माउंट गन, एंटी सबमरीन और टॉरपीडो से लैस है। रक्षा मंत्रालय के मुंबई स्थित शिपयार्ड मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने इंफाल को बनाया है।
इसका 75% हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है
इसके निर्माण में स्वदेशी स्टील एमडीएल 249ए का इस्तेमाल किया गया है, यानी इसका 75% हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है। आईएनएस इंफाल विशाखापत्तनम कैटेगरी के 4 डिस्ट्रॉयर वॉरशिप में से तीसरा है, जिसे भारतीय नौसेना के इन-हाउस ऑर्गनाइजेशन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है।
आईएनएस इंफाल को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मणिपुर के बलिदान और योगदान के लिए श्रद्धांजलि कहा गया है। चाहे वह 1891 का एंग्लो-मणिपुर युद्ध हो या फिर 14 अप्रैल 1944 को मोइरांग वॉर, जिसमें पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आईएनए का झंडा फहराया था।
सबसे कम समय में बनकर तैयार हुआ वॉरशिप इंफाल
इंफाल के बनाने और उसके टेस्टिंग में लगा समय किसी भी भारतीय डिस्ट्रॉयर वॉरशिप के बनने में लगा सबसे कम वक्त है। इंफाल की आधारशिला 19 मई 2017 को रखी गई थी और जहाज को 20 अप्रैल 2019 को पानी में उतारा गया था। इंफाल 28 अप्रैल 2023 को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ था। छह महीने की रिकॉर्ड समय सीमा के भीतर 20 अक्टूबर 2023 को इसकी डिलीवरी हो गई। इसके पहले भारतीय नौसेना में प्रोजेक्ट 15बी के तहत बने आईएनएस विशाखापट्टनम को 21 नवंबर 2021 और आईएनएस मरमुगाओ को 18 दिसंबर 2022 को कमीशन किया गया था।