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तिरुचिरापल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और उसकी सभ्यता हमेशा ज्ञान पर केंद्रित रही है। श्री मोदी ने यहां भारतीदासन विश्वविद्यालय (बीयू) में 38वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नालंदा और तक्षशिला जैसे कुछ प्राचीन विश्वविद्यालय प्रसिद्ध हैं। इसी तरह कांचीपुरम जैसे स्थानों में महान विश्वविद्यालयों का भी उल्लेख है। उन्होंने कहा कि गंगईकोंडा चोलपुरम और मदुरै भी शिक्षा के महान केंद्र थे। 

उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में आना मेरे लिए विशेष है, क्योंकि 2024 में यह मेरी पहली सार्वजनिक सभा है। बीयू ने एक मजबूत और परिपक्व नींव पर शुरुआत की है। इस परिपक्वता ने विश्वविद्यालय को कई क्षेत्रों में प्रभावशाली बना दिया है। चाहे वह मानविकी, भाषा, विज्ञान या यहां तक कि उपग्रह हो- बीयू एक अद्वितीय पहचान बनाता है। 

उन्होंने कहा कि आप ऐसे समय में दुनिया में कदम रख रहे हैं, जब हर क्षेत्र में हर कोई आपकी ओर एक नई आशा के साथ देख रहा है। युवा यानी ऊर्जा, इसका अर्थ है गति, कौशल और पैमाने के साथ काम करने की क्षमता। पिछले कुछ वर्षों में हमने गति और पैमाने में आपकी बराबरी करने के लिए काम किया है, ताकि हम आपको लाभान्वित कर सकें। 

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हवाई अड्डों की संख्या 74 से दोगुनी होकर लगभग 150 हो गई है। तमिलनाडु में एक जीवंत समुद्र तट है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में प्रमुख बंदरगाहों की कुल कार्गो प्रबंधन क्षमता 2014 से दोगुनी हो गई है। श्री मोदी ने कहा कि भारत ने महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ कई व्यापार समझौते भी किये हैं।

उन्होंने कहा कि सौदे हमारी वस्तुओं और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेंगे। वे हमारे युवाओं के लिए अनगिनत नए अवसर भी पैदा करते हैं। चाहे जी20 जैसे संस्थानों को मजबूत करना हो, जलवायु परिवर्तन से लड़ना हो या वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ी भूमिका निभाना हो, हर वैश्विक समाधान के हिस्से के रूप में भारत का स्वागत किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि कई मायनों में स्थानीय और वैश्विक कारकों के कारण भारत में युवा होने का यह सबसे अच्छा समय है। यह कहते हुए कि प्रत्येक स्नातक 2047 तक एक विकसित भारत बनाने में योगदान दे सकता है, उन्होंने कहा कि जो विज्ञान आप (छात्र) सीखते हैं वह आपके गांव के एक किसान की मदद कर सकता है, जो तकनीक आप सीखते हैं वह जटिल समस्याओं को हल करने में मदद कर सकती है। आप जो व्यवसाय प्रबंधन सीखते हैं, वह व्यवसाय चलाने में मदद कर सकता है और दूसरों के लिए आय वृद्धि सुनिश्चित कर सकता है।

उन्होंने कहा कि आप जो अर्थशास्त्र सीखते हैं, वह गरीबी को कम करने में मदद कर सकता है और एक तरह से यहां का प्रत्येक स्नातक 2047 तक एक विकसित भारत बनाने में योगदान दे सकता है। प्रसिद्ध कवि भारतीदासन के तमिल छंदों का हवाला देते हुए ( जिनके नाम पर विश्वविद्यालय का नाम “पुथियाथोर उलगम सेइवोम” रखा गया था) श्री मोदी ने कहा कि इसका मतलब एक बहादुर नयी दुनिया का निर्माण करना है, जो विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य भी है।

उन्होंने कहा कि भारतीय युवा पहले से ही ऐसी दुनिया का निर्माण कर रहे हैं। भारतीय वैज्ञानिक चंद्रयान जैसे मिशनों के माध्यम से विश्व मानचित्र पर हैं और हमारे नवप्रवर्तकों ने पेटेंट की संख्या 2014 में लगभग 4,000 से बढ़ाकर अब लगभग 50,000 कर दी है। उन्होंने कहा कि हमारे मानवता विद्वान भारत की कहानी को दुनिया के सामने इस तरह प्रदर्शित कर रहे हैं जैसे पहले कभी नहीं किया गया। साथ ही, देश के संगीतकार और कलाकार लगातार देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ला रहे हैं। इससे पहले श्री मोदी ने छात्रों से बातचीत की और स्वर्ण पदक विजेताओं को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने अपने संबोधन में छात्रों से शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और राज्य तथा देश का नाम रोशन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं आपको एक मुख्यमंत्री के तौर पर और एक पिता की हैसियत से भी बताता हूं।  उन्होंने दावा किया कि द्रविड़ मॉडल शासन ने उस समय सभी के लिए शिक्षा लागू की जब शिक्षा समाज के एक वर्ग के लिए आरक्षित थी।