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0 सुप्रीम कोर्ट के डायमंड जुबली सेलिब्रेशन में डिजिटल कोर्ट 2.0 और नई वेबसाइट लॉन्च की

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट के डायमंड जुबली सेलिब्रेशन की शुरुआत की। वे कार्यक्रम में शामिल होने सुप्रीम कोर्ट के परिसर पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स (डिजि-एससीआर), डिजिटल कोर्ट्स 2.0 और सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट को लॉन्च किया।

इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत अधिकारों, फ्रीडम ऑफ स्पीच पर कई प्रमुख फैसले दिए हैं। इनसे देश के सामाजिक-राजनीतिक परिवेश को नई दिशा मिली है। आज जो कानून बनाए जा रहे हैं, वे कल के भारत को मजबूती देंगे। जिस तेजी से दुनिया में बदलाव आ रहे हैं, सबकी निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं। इससे देश का विश्वास बढ़ रहा है।

इस मौके पर देश के हाईकोर्ट्स के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज भी मौजूद रहे। इन प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस कोर्ट में दोपहर 3:30 बजे सुप्रीम कोर्ट की सेरेमोनियल बेंच बैठेगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इस बेंच की अगुआई करेंगे। इसमें सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज भी शामिल होंगे।

पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर हैं
पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर हैं। ऐसे में आज भारत के लिए जरूरी है कि हम हर अवसर का लाभ उठाए। आज भारत की प्राथमिकता है इज ऑफ जस्टिस। भारत के नागरिक इसके हकदार है और सुप्रीम कोर्ट इसका प्रमुख माध्यम है।

सुप्रीम कोर्ट की एक्सेसिबिलिटी देश के अंतिम छोर तक
देश की पूरी न्याय व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के गाइडेंस पर निर्भर होती है। सुप्रीम कोर्ट की एक्सेसिबिलिटी भारत के अंतिम छोर तक हो। इसी सोच के साथ कुछ दिनों पहले ईकोर्ट मिशन की स्वीकृति दी गई। इसके तीसरे फेज के लिए 4 गुना ज्यादा राशि स्वीकृत की गई है।

सभी अदालतों का डिजिटाइजेशन हो रहा
मुझे खुशी है कि देशभर की सभी अदालतों का डिजिटाइजेशन हो रहा है और चीफ जस्टिस खुद इसे मॉनिटर कर रहे हैं। डिजिटल सुप्रीम कोर्ट की मदद से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अब डिजिटल फॉर्मेट में रहेंगे। इन फैसलों को स्थानीय भाषा में भी ट्रांसलेट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। देश की अन्य अदालतों में भी ऐसा होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में हो रही दिक्कत से भी अवगत हूं
मैं आप लोगों को सुप्रीम कोर्ट में हो रही दिक्कत से भी अवगत हूं। पिछले सप्ताह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स के विस्तार के लिए 800 करोड़ की राशि स्वीकृत की। अब आप लोगों के पास कोई संसद भवन की तरह पिटीशन लेकर न आ जाए कि यहां फिजूलखर्ची हो रही है।

पहली मुस्लिम जज फातिमा बीवी को पद्म भूषण सम्मान दिया
सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज और पूरे एशिया की पहली मुस्लिम सुप्रीम कोर्ट जज फातिमा बीवी को हमने पद्म भूषण सम्मान दिया है। मेरे लिए यह बहुत गर्व की बात है।

हमने न्याय देने की अपनी भूमिका अच्छे से निभाई हैः सीजेआई
इस मौके पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना एक आदर्शवाद के साथ हुई थी कि कानूनों की व्याख्या संवैधानिक न्यायालय करेगा। इन कानूनों को ब्रिटिश सरकार के मूल्यों और सामाजिक वर्गीकरण के आधार पर नहीं बनाया जाएगा। इससे यह विश्वास जागता है कि न्यायपालिका को अन्याय, तानाशाही और मनमुटावद के खिलाफ एक कवच के तौर पर काम करना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय निर्णय और न्याय का स्थान है। जितनी बड़ी संख्या में लोग हम तक आ पाते हैं, उससे पता चलता है कि हमने अपनी भूमिका कितनी अच्छी तरह निभाई है।

टेक्नोलॉजी आधारित तीन नए प्रोजेक्ट लॉन्च किया
डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिकॉर्ड्स
इनकी मदद से सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में नागरिकों को मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे। डिजि-एससीआर में 1950 से अब तक सुप्रीम कोर्ट के रिपोर्ट्स की 519 वॉल्यूम मिलेंगीं। इनमें 36,308 केस की पूरी जानकारी होगी। ये जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में बुकमार्क के साथ यूजर्स के लिए मौजूद होगी।

डिजिटल कोर्ट्स 2.0
डिजिटल कोर्ट्स 2.0 एप्लीकेशन ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के तहत नई पहल है। इसके तहत जिला न्यायालयों के जजों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोर्ट रिकॉर्ड मुहैया कराए जाएंगे। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करके रियल टाइम में स्पीच को टेक्स्ट में बदला जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट
ये हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में होगी। इस वेबसाइट को यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस के साथ री-डिजाइन किया गया है।