0 ममता बोलीं- ये उनकी राजनीति, हमने सबको नागरिकता दी
कोलकाता। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने रविवार को कहा कि मैं गांरटी देता हूं कि देशभर में 7 दिनों के अंदर नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू हो जाएगा। ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ही नहीं, देशभर में अगले 7 दिनों के अंदर सीएए लागू हो जाएगा। ठाकुर बनगांव से भाजपा के सांसद हैं।
इसे लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा अब सीएए का शोर मचा रही है। ये उनकी राजनीति है। हमने सभी को नागरिकता दी है और जो लोग बॉर्डर इलाकों में रह रहे हैं उन्हें सब कुछ दिया जा रहा है। वे राज्य के नागरिक हैं, इसलिए उन्हें वोट डालने का अधिकार मिला हुआ है।
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर गठित की गई कमेटी 2 फरवरी को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस ड्राफ्ट पर आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।
अमित शाह ने कहा था- सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता
इससे पहले कोलकाता में पिछले साल दिसंबर में एक रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है। शाह ने घुसपैठ, भ्रष्टाचार, राजनीतिक हिंसा और तुष्टीकरण के मुद्दों पर ममता बनर्जी काे घेरा था। उन्होंने लोगों से ममता सरकार को बंगाल से हटाने और 2026 विधानसभा चुनाव में भाजपा को चुनने का आग्रह किया था। शाह के बयान पर ममता ने कहा था- वे लोगों को विभाजित करना चाहते हैं। पहले, नागरिकता कार्ड जिला मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब केवल राजनीति के लिए छीन लिया गया है। वे इसे किसी को देना चाहते हैं और दूसरों को इससे वंचित करना चाहते हैं। यदि किसी समुदाय को नागरिकता मिल रही है तो दूसरे को भी मिलनी चाहिए।
2019 में लोकसभा-राज्यसभा से बिल पास हो चुका
11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (CAB) के पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। अगले दिन 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। देशभर में भारी विरोध के बीच बिल दोनों सदनों से पास होने के बाद कानून की शक्ल ले चुका था। इसे गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया था।
1955 के कानून में किए गए बदलाव
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (सीएए) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना। 12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी।