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0 हमने जो वादा किया था, उसे निभाया है
0 टामन सहित अफसर-नेताओं पर हुई है एफआईआर

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (छग पीएससी) भर्ती घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि, हमने जो वादा किया था, उसे निभाया है। इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर ली है, सीबीआई को भी जांच सौंपी गई है।

ईओडब्ल्यू ने एक दिन पहले ही छग पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं पर FIR दर्ज की है। आरोप है कि पद पर रहते हुए इन सभी ने भाई-भतीजों का बड़े पदों पर चयन कराया।

भाजपा ने बनाया था चुनावी मुद्दा
भाजपा ने इस मामले को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था। साथ ही कहा था कि सरकार आएगी तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद इसे भाजपा ने अपने आरोप पत्र में शामिल किया था। ऐसा पहली बार हुआ था, जब विधानसभा चुनाव में पीएससी की भर्ती मुद्दा बनी थी। चुनाव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा का आरोप पत्र जारी किया तो उसमें भी प्रमुखता से पीएससी मामले का उल्लेख किया गया था। इससे पहले भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी राजधानी में हुई हुंकार रैली में पीएससी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था।

पूर्व गृहमंत्री ने हाईकोर्ट में दायर की है याचिका
पूर्व गृह मंत्री और रामपुर से विधायक रहे ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में पीएससी में सिलेक्ट अफसरों के रिश्तेदारों की लिस्ट दी है। इसके बाद कांग्रेस ने भी पुराने अफसरों और नेताओं की वो लिस्ट सामने रखी है, जिनके रिश्तेदार सिलेक्ट हुए थे। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

छग पीएससी की 2021-22 की सिलेक्शन लिस्ट विवादों में
छग पीएससी की 2021-22 की सिलेक्शन लिस्ट विवादों में घिरी है। आरोप है कि भर्ती में फर्जीवाड़ा और भाई-भतीजावाद किया गया है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर होने के बाद 13 नियुक्तियों पर रोक भी लगा दी थी। हालांकि कुछ तथ्यों को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य सरकार और पीएससी को निर्देशित किया था कि जो सूची याचिकाकर्ता ने पेश की है, उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर लें।