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SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश, जो पिछली बार से 22 फीसदी अधिक 
0 विकसित राज्य बनाने के लिए छत्तीसगढ़ विजन एट 2047 का लक्ष्य
0 400 यूनिट तक बिजली बिल रहेगा हाफ, 5 साल फ्री राशन मिलेगा
0 जीएसडीपी को आगामी 5 सालों में 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य
0 किसानों के लिए 10 हजार करोड़
0 लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति
0 बजट में हर किसी को मकान
रायपुर। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए साय सरकार का पहला बजट एक लाख 47 हजार 500 करोड़ रुपए का पेश किया। श्री चौधरी ने सदन में पहली बार पेपरलेस डिजिटल बजट किया। यह पूर्ववर्ती भूपेश सरकार से 22 फीसदी अधिक है। इस बार राज्य का शुद्ध राजकोषीय घाटा 16296 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो जीएसडीपी का 2.90 फीसदी है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी का यह बजट 'GYAN' यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर फोकस्ड है। वहीं बजट में मोदी की गारंटी को अमलीजामा पहनाया गया है। बजट में पिछली सरकार की हाफ बिजली बिल को जारी रखते हुए 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ करने का ऐलान किया गया। बजट में प्रदेश को विकासशील से विकसित राज्य बनाने के लिए छत्तीसगढ़ विजन एट 2047 का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 10 आधारभूत रणनीतिक स्तंभ बनाए गए हैं।

वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि GYAN के माध्यम से गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी से आर्थिक विकास होगा। सरकार ने 5 सालों में एसजीडीपी को 5 लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने यानी दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 10 पिलर्स निर्धारित किए गए हैं।

बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पर्यटन, धार्मिक स्थलों, कृषि कारोबार का ध्यान रखा गया है। वहीं कोई नया कर नहीं लगाया गया है। कृषि बजट में भी 33% की वृद्धि की गई है। खास बात यह है कि बिजली बिल हाफ योजना जारी रहेगी। वहीं 5 साल फ्री राशन योजना को आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी।

श्री चौधरी ने कहा कि आनलाइन माध्यम से सरकार के राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि करके दिखाएंगे। विभिन्न विभागों को तकनीकी समृद्ध करने के लिए 266 करोड़ का प्रावधान है। वित्त मंत्री ने कहा कि इको टूरिज्म के लिए रोडमैप तैयार करेंगे। प्रदेश में पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देंगे। आदिवासी बहुल बस्तर-सरगुजा पर फोकस रहेगा। दोनों इलाकों को आर्थिक विकास की दृष्टि से मजबूत करेंगे। श्री चौधरी ने कहा कि मोदीजी के सहकारी संघवाद के सिद्धांत पर चलते हुए हम केंद्र का सहयोग भी प्राप्त करेंगे और देश की विकास यात्रा में अपनी महती भूमिका भी निभाएंगे। छत्तीसगढ़ अब केंद्र से टकराव वाले पांच सालों के माडल के स्थान पर डबल इंजन की सरकार में संघ-राज्य समन्वय से विकास का नया अध्याय लिखेगा। इस मध्यावधि लक्ष्य को प्राप्त करने के 10 आधारभूत रणनीतिक स्तंभ तय किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ 2047 तक कैसे एक विकासशील राज्य से विकसित राज्य बनेगा, इसका दृष्टि.पत्र हम तैयार करेंगे। इस दृष्टि.पत्र का नाम होगा: “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन / 2047“. 01 नवंबर सन् 2000 को भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस राज्य को बनाया था और इसी 01 नवंबर सन् 2024 में हमारे छŸाीसगढ़ को विकासशील से विकसित राज्य बनाने हेतु “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन / 2047“ डॉक्यूमेंट, हम राज्य की जनता को समर्पित करेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ 2047 तक कैसे एक विकासशील राज्य से विकसित राज्य बनेगा, इसका दृष्टि-पत्र हम तैयार करेंगे। इस दृष्टि.पत्र का नाम होगा:. “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन एट 2047“. 01 नवंबर सन् 2000 को भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस राज्य को बनाया था और इसी 01 नवंबर सन् 2024 में हमारे छŸाीसगढ़ को विकासशील से विकसित राज्य बनाने हेतु “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन एट 2047“ डॉक्यूमेंट, हम राज्य की जनता को समर्पित करेंगे।

इस मध्यावधि लक्ष्य को प्राप्त करने के हमारे आधारभूत रणनीतिक स्तंभ क्या होंगें। उसे मैं 10 स्तंभो के रूप में सदन के समक्ष रख रहा हूँ।

1.   GYAN  :    हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु
2.    तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास
3.    तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करना
4.    प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल
5.    अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नयी संभावनाओं पर जोर
6.    सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश भी सुनिश्चित करना
7.    बस्तर-सरगुजा की ओर भी देखो
8.   डिसेंट्रेलाइज्ड डेवलपमेंट पॉकेट्स
9.    छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विकास
10.    क्रियान्वयन का महत्व

हमनें बनाया है, हम ही सवारेंगे
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि हम बड़ा लक्ष्य बनाते हैं, उसे प्राप्त करते हैं और फिर उससे भी बड़ा लक्ष्य बनाते हैं। 2047 के दीर्घकालिक विजन तक पहुंचने से पहले हमें मध्यम अवधि के अर्थात् मिडटर्म टारगेट बनाने होंगे। जैसे मोदी जी देश की अर्थव्यवस्था के लिये मध्यम अवधि के टारगेट के रूप में 05 ट्रिलियन एवं 10 ट्रिलियन डाॅलर इकोनाॅमी का लक्ष्य रखकर चल रहे हैं।

तकनीक आधारित रिफार्म और सुशासन से तीब्र आर्थिक विकास
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि आज दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा एनालिटिक्स,, कांप्रिहेंसिव सिस्टम डेवलपमेंट, सैटेलाइट बेस्ड कम्युनिकेशन जैसे उच्च स्तरीय तकनीकों से संचालित हो रही है। हम शासन और प्रशासन में तकनीक के इस्तेमाल पर पूरा जोर देंगे। इससे नागरिक सुविधाओं में पारदर्शिता आएगी और समस्याओं का तेजी से समाधान होगा। शासन के सभी विभागों में आईटी के उपयोग को बढ़ावा देने एवं इसका सफल अनुप्रयोग सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सेंटर फॉर स्मार्ट गवर्नेंस की स्थापना की जाएगी। बजट में आईटी उपकरण एवं आधुनिक साफ्टवेयर इत्यादि की व्यवस्था के लिए 266 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे शासन के समस्त विभागों में सुशासन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।

तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय
किसी भी विकासशील अर्थव्यवस्था के उच्च विकास दर के लिये कैपेक्स अर्थात् पूंजीगत व्यय आधारभूत स्तम्भ होता है। आर्थिक अध्ययन यह कहता हैै कि 100 रूपये के पूंजीगत व्यय से जी.डी.पी. में 247 रूपये की वृद्धि होती है। इस बजट में तमाम चुनौतियों के बाद भी पूंजीगत व्यय के प्रावधान में गत वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।

प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल
हमारा छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है। इन संसाधनों का सुनियोजित दोहन करते हुए उससे होने वाले लाभों का छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित किया जायेगा।

अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नयी संभावनाओं पर जोर
छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक सौंदर्य के अनुरूप इको.टूरिज्म सर्किट विकसित करने, 05 शक्ति पीठों को विकसित करके धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे। आई.टी. सेक्टर की स्थापना, हेल्थ डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिेशन, बिजनेस टूरिज्म, काॅन्फ्रंेस डेस्टिनेशन, जैसे नये उभरते संभावनाओं का लाभ प्रदेश को मिल सके, इसके लिए रोडमैप तैयार करेंगे।

अतिरिक्त निजी निवेश भी सुनिश्चित करना
हमारे छत्तीसगढ़ में आधुनिक आर्थिक दर्शन के अनुरूप रेड टेपिज्म के स्थान पर रेड काॅरपेट की निवेश संस्कृति का विकास करेंगे। माॅडर्न इकोनाॅमी फिलोसाॅफी जैसे ”मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस”, ईज आफ डूइंग बिजनेस, ईज आफ लिविंग, सिंगल विंडो प्रणाली, आनलाईन परमिशन, मिनिमम परमिशन जैसी व्यवस्थाओं की स्थापना की जायेगी। इसी तारतम्य में च्च्च् अर्थात् पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आदर्श प्रयोगों के लिए नीति आयोग एवं अखिल भारतीय प्रबंधन संस्थानों जैसे विशेषज्ञ संस्थाओं का सहयोग लिया जायेगा।

बस्तर-सरगुजा की ओर भी देखो
पिछले 05 वर्षो के कांग्रेस के कार्यकाल में बस्तर.सरगुजा क्षेत्र आर्थिक विकास की दृष्टि से अछूते रहे। इन क्षेत्रों की एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सार्थक पहल की जायेगी। इको.टूरिज्म डेस्टिनेशन एवं नैचूरोपैथी डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु उद्योगों की स्थापना की जायेगी। सरगुजा क्षेत्र में उद्यानिकी एवं मछली पालन की संभावनाओं को प्रोत्साहित किया जायेगा। इस प्रकार समन्वित प्रयास करते हुए इन क्षेत्रों की आर्थिक संभावनाओं को मूर्त रूप दिया जायेगा।

विकेन्द्रीकृत विकास पाॅकेट्स
छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग, मध्य मैदानी भाग और दक्षिणी भाग की अपनी अलग.अलग आर्थिक विशिष्टतायें हैं। इन विशिष्टताओं के अनुरूप तीव्र आर्थिक विकास की विकेन्द्रीकृत नीति पर काम करते हुए विकेन्द्रीकृत विकास पाॅकेट्स की स्थापना करेंगे। रायपुर-भिलाई सहित आसपास के क्षेत्रों को स्टेट कैपिटल रीजन ैब्त् के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की जायेगी। इस क्षेत्र को विश्वस्तरीय आई.टी. सेक्टर, वेडिंग डेस्टीनेशन, एजुकेशन डेस्टीनेशन एवं हेल्थ डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। नवा रायपुर, अटल नगर में “लाईवलीहुड सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस” एवं दुर्ग जिले में “सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप” स्थापित किया जायेगा। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए इन्यूबेशन सेंटर की स्थापना तथा बीपीओ एवं केपीओ को आकर्षित करने के लिए आई.टी. पार्क की स्थापना की जायेगी।
नवा रायपुर में आईटी आधारित रोजगार सृजन हेतु ‘प्लग एण्ड प्ले’ मॉडल का विकास किया जायेगा, इससे आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के नये अवसर विकसित होंगे। रायपुर, नवा रायपुर अटल नगर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरबा एवं रायगढ़ जैसे प्रमुख नगरों को ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित करने की कार्य योजना तैयार की जायेगी। कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, उरला, सिलतरा जैसे क्षेत्रों के अनुरूप औद्योगीकरण की नीति बनायी जायेगी। मैदानी कृषि प्रधान जिलों में कृषि आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए विशेष फोकस किया जायेगा।

”छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी“

इस बजट के विभागवार प्रावधानों की जानकारी देने के पहले मोदी जी की गारंटी को पूर्ण करने के लिए हमारी सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों का विवरण सदन के समक्ष रखना चाहूंगा।
कैबिनेट की पहली बैठक में ही हमनें प्रधानमंत्री आवास योजना के लंबित 18 लाख घरों का निर्माण पूरा करने का निर्णय लिया है। इसके लिए हमनें अनुपूरक बजट में भी राशि प्रावधानित की है और 2024-25 में भी  08 हजार 369 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मोदी की दूसरी गारंटी महतारी वंदन योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है। 01 मार्च 2024 से योजना के तहत पात्र महिलाओं को 12 हजार रूपये वार्षिक का भुगतान किया जायेगा।
25 दिसम्बर 2023 को सुशासन दिवस के अवसर पर 12 लाख से अधिक किसानों को 03 हजार 716 करोड़ रूपये के लंबित धान बोनस की राशि भुगतान की जा चुकी है। किसानों के लिए कृषक उन्नति योजना लागू करने के लिए बजट में 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मोदी की गारंटी का अगला बिन्दु हर घर निर्मल जल अभियान को पूरा करने के लिए जल जीवन मिशन योजना में 04 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस राशि से ग्रामीण परिवारों को नल से पीने का पानी उपलब्ध कराया जायेगा।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 05 हजार 500 की दर से संग्रहण शुल्क भुगतान करने का कैबिनेट से अनुमोदन दिया जा चुका है।

भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 10 हजार रूपये की वार्षिक सहायता देने के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना वर्ष 2024-25 से लागू की जायेगी। इसके लिए बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पी.एस.सी. परीक्षा के घोटाले की जांच का कार्य सी.बी.आई. को सौपनें का हमारी सरकार ने निर्णय लिया है। भविष्य में पूर्ण पारदर्शिता के साथ  पी.एस.सी. परीक्षा का आयोजन सुनिश्चित किया जायेगा।
छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना वर्ष 2024.25 से लागू की जायेगी।
स्टेट कैपिटल रीजन के विकास की योजना तैयार करने के लिए हमनें बजट में 05 करोड़ का प्रावधान किया है।
इन्वेस्ट इंडिया की तर्ज पर इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ आयोजित करने के लिए भी 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शक्तिपीठ परियोजना का डी.पी.आर. एवं निर्माण कार्यों के लिए  05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश वासियों को श्री राम लला के दर्शन करवाने हेतु 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

कृषि एवं सहायक गतिविधियों से आय वृद्धि
राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों एवं भूमिहीन कृषि मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए कृषि एवं सहायक गतिविधियों (उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन) के प्रोत्साहन हेतु समन्वित प्रयास किया जायेगा।
कृषि विभाग के बजट में विगत वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कुल 13 हजार 438 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषि उन्नति योजना के क्रियान्वयन के लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 08 हजार 500 करोड़ की साख सीमा निर्धारित की गई है। इस राशि पर ब्याज अनुदान के लिए 317 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सिलफिली जिला सूरजपुर एवं रायगढ़ में शासकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, कुनकुरी जिला जशपुर में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, रामचंद्रपुर जिला बलरामपुर में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी महाविद्यालय तथा खड़गवां जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत ग्राम सतरेंगा जिला कोरबा में एक्वा पार्क की स्थापना की जायेगी। इस हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की स्थापना एवं राज्य स्तरीय नवीन कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
दुर्ग एवं सरगुजा जिले में कृषि यंत्री कार्यालय की स्थापना की जायेगी।
रासायनिक उर्वरकों की जांच के लिए सरगुजा जिले में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी।
उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए 14 विकासखण्डों में नवीन नर्सरी की स्थापना की जायेगी एवं पूर्व से संचालित 20 नर्सरियों में अतिरिक्त पद सृजित किये जायेंगे।
पशु औषधालय कुंवारपुर एवं माड़ीसरई जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर एवं पशु औषधालय कोल्हेनझरिया जिला जशपुर का पशु चिकित्सालय में उन्नयन का प्रावधान किया गया है।

ग्राम भोरिंग जिला महासमुंद, ग्राम चरोदा जिला.सक्ती, ग्राम किरगी जिला राजनांदगांव, ग्राम खैरवना जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर तथा ग्राम मटासी जिला जशपुर में नवीन हेचरी की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सिंचाई
सिंचाई रकबे के विस्तार के लिए नवीन सिंचाई परियोजनाओं हेतु  300 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। संभावित सिंचाई परियोजनाओं की सूची में 10 करोड़ से अधिक लागत के 156 कार्य प्रस्तावित किये गये हैं।
लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं हेतु 692 करोड़, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ तथा एनीकट एवं स्टॉपडेम निर्माण हेतु 262 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
केलो सिंचाई परियोजना की नहरों का काम वर्षों से अधूरा था। किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नहर निर्माण के काम को पूरा किया जायेगा। इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन हेतु डिजिटल सूचना प्रणाली विकसित की जायेगी। इसके लिए राज्य जल सूचना केन्द्र की स्थापना हेतु 01 करोड़ 56 लाख का प्रावधान किया गया है।
सिंचाई बांधों की देखभाल एवं मरम्मत के लिए राज्य बांध सुरक्षा संगठन का पृथक से सेटअप स्वीकृत किया गया है। सिंचाई बांधों की सुरक्षा के लिए 72 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे सिंचाई बांधों की क्षमता का अधिकतम उपयोग किया जाना संभव हो सकेगा।
सहकारिता
सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सहकारी समितियों की लाभप्रदता एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।  100 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में खाद एवं बीज भंडारण हेतु गोदाम निर्माण के लिए 26 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थान के भवन निर्माण हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के गत वर्ष के बजट प्रावधान में 70 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 17 हजार 529 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत सरकार द्वारा 18 लाख से अधिक आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 08 हजार 369 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजन हेतु महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 02 हजार 788 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में नवीन सड़कों के निर्माण एवं वर्तमान सड़कों के संधारण हेतु 841 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
स्व.सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार गतिविधियों से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में      561 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सामुदायिक शौचालयों एवं कचरा प्रबंधन की योजनाओं के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 19 जिलों के पी.वी.टी.जी. बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क एवं पुल निर्माण हेतु 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 12 वृहद पुलों एवं सड़कों के लिए 94 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना अंतर्गत 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

 अनुसूचित जनजाति  एवं अनुसूचित जाति वर्गों का विकास  
विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के विद्यार्थियों हेतु कबीरधाम, गरियाबंद, कोरिया, बलरामपुर, सरगुजा, धमतरी, गौरेला.पेण्ड्रा.मरवाही, जशपुर एवं नारायणपुर में संचालित आवासीय विद्यालयों के लिए 13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के 46 भवन निर्माण हेतु 78 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है।
पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास बलरामपुर, महाराजगंज, शंकरगढ़, डिण्डो, राजपुर, लखनपुर, कांसाबेल, बगीचा, दोकड़ा, बतौली, मनोरा, कोतबा, दुलदुला, पण्डरीपानी, तपकरा तथा नर्मदापुर, तथा पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास जशपुर नगर के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
प्री. मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास पैकू, दोकड़ा, रौनी, गाला, कोतबा, बागबाहरा, लोदाम, दुलदुला, लवाकेरा, पण्डरीपानी, कांसाबेल, बटईकेला, कुनकुरी, देवगढ़, मंगारी, बतौली, घाटवर्रा, नवापारा लखनपुर, कमलेश्वरपुर तथा लुण्ड्रा, प्री. मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास करजी, धौरपुर, बोदा, अंबिकापुर के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास महासमुुंद, प्री. मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास बाजार अतरिया, कोरबा, करतला एवं    प्री. मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास अंबिकापुर के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना अंतर्गत जिला रायगढ़ में नवीन प्रयास आवासीय विद्यालय की स्थापना हेतु 75 लाख का प्रावधान किया गया है।
05 संभाग मुख्यालयों में नवीन स्नातकोत्तर छात्रावास की स्थापना हेतु कुल 02 करोड़ 40 लाख का प्रावधान किया गया है।
जिला मुख्यालय बलरामपुर में 100 सीटर आदिवासी क्रीड़ा परिसर की स्थापना एवं भवन निर्माण हेतु 03 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु पूर्व स्वीकृत 65 सीट्स को बढ़ाकर 200 सीट्स किया जायेगा। इन अतिरिक्त सीट्स पर प्रवेशित विद्यार्थियांे को विभाग द्वारा निर्धारित दर पर शिक्षण शुल्क सह आवास भत्ता का भुगतान किया जायेगा। इस हेतु 04 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पोषण एवं खाद्य सुरक्षा
प्रधानमंत्री जी द्वारा गरीब कल्याण योजना के तहत देश भर के  80 करोड़ हितग्राहियों के लिए निःशुल्क चावल वितरण की अवधि में 05 वर्ष की वृद्धि की गई है। राज्य शासन द्वारा भी मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना के हितग्राहियों को आगामी 05 वर्ष तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत 03 हजार 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण से बचाव हेतु फोर्टिफाईड राईस के वितरण के लिए 209 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शक्कर वितरण योजना अंतर्गत 150 करोड़, गुड़ वितरण हेतु 81 करोड़, अंत्योदय अन्न योजना अंतर्गत चना प्रदाय हेतु 400 करोड़ एवं रियायती दर पर आयोडाईज्ड नमक वितरण हेतु 139 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उपभोक्ता कल्याण अंशदान (कार्पस) फण्ड योजना अंतर्गत 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पेयजल की व्यवस्था
प्रदेशवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के गत वर्ष के बजट प्रावधान को लगभग दुगुना करते हुए इस वर्ष 05 हजार 47 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जल जीवन मिशन योजना में 12 लाख 54 हजार 692 ग्रामीण परिवारों को नल.जल कनेक्शन देने के लिए राज्यांश मद में 04 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जल जीवन मिशन की मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड एवं राज्य पोर्टल का निर्माण किया जायेगा। शिकायत निवारण एवं नये कनेक्शन हेतु ऑनलाईन आवेदन की व्यवस्था शुरू की जायेगी। जल की गुणवत्ता की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की जायेगी।
वाड्रफनगर जल आवर्धन योजना हेतु 01 करोड़ 82 लाख का प्रावधान किया गया है।
ग्रामों में पेयजल प्रदाय हेतु 71 करोड़ एवं नलकूपों के अनुरक्षण मद में 110 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिए 26 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मातृ शक्ति एवं नौनिहालों का विकास
महतारी वंदन योजना अंतर्गत सभी पात्र महिलाओं को 12 हजार रूपये वार्षिक डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जायेगा। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी।
सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र एवं पूरक पोषण आहार हेतु 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पूर्व से संचालित समान उद्देश्य वाली योजनाओं को समायोजित करते हुए 10 नवीन अम्ब्रेला योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए 628 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 117 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्राम पंचायतों में महिलाओं के विकास एवं सशक्तिकरण हेतु आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए महिला सदन का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

खेल एवं युवा कल्याण
पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने के लिए छत्तीसगढ़िया क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की जायेगी। इस हेतु 20 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
जशपुर जिले के कुनकुरी में मॉडर्न खेल स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जिला रायगढ़ एवं बलौदाबाजार में इंडोर स्टेडियम कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 04 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के 05 नवीन जिलों मेें जिला कार्यालयों की स्थापना हेतु  250 लाख का प्रावधान किया गया है।
कला, साहित्य, खेल एवं समाज सेवा के क्षेत्र में युवाओं के योगदान को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के लिए प्रति वर्ष छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान दिया जायेगा। इस मद में 01 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।

भू-राजस्व व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग जिले में राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना की जायेगी। इस हेतु तहसीलदार के 30 एवं नायब तहसीलदार के  15 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।
भू.नक्शों का जियो.रिफ्रेन्सिंग कराया जायेगा तथा प्रत्येक भू.खंड में   यू.एल.पिन नंबर देते हुए भू.आधार कार्ड जारी किया जायेगा।
नगरीय क्षेत्रों में 1: 500 के स्केल पर भूमि का नवीन सर्वेक्षण प्रारंभ किया जायेगा। इससे शहरी क्षेत्रों में छोटे भू.खण्डों को भू.नक्शे पर दर्ज किया जाना संभव हो सकेगा।
भू.अभिलेखों को सिविल न्यायालयों से लिंक किया जायेगा। इससे सिविल न्यायालय द्वारा भूमि संबंधी प्रकरणों में पारित आदेशों के परिपालन में भू.अभिलेख का सुधार कार्य ऑनलाईन प्रक्रिया से संभव हो सकेगा।
भूमि व्यपवर्तन की प्रक्रिया को ऑनलाईन एवं सरल किया जायेगा।

कानून व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
राज्य में कानून.व्यवस्था की मजबूती के लिए राज्य पुलिस बल में    01 हजार 889 पदों की वृद्धि की गई है।
नक्सल ऑपरेशन में जाने वाले राज्य पुलिस बल के लिए उच्च गुणवत्ता युक्त रेडी.टू.ईट फूड की व्यवस्था हेतु बजट में प्रावधान किया गया है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों की सुरक्षा की दृष्टि से स्पाईक रजिस्टेन्ट बूट देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
सायबर क्राईम के प्रकरणों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए कबीरधाम़, कोरबा, राजनांदगांव एवं रायगढ़ जिले में 04 नवीन सायबर पुलिस थानों की स्थापना के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
सीमावर्ती जिलों से मानव तस्करी के प्रकरणों में पीड़ित बालिकाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए राजनांदगांव, कबीरधाम, रायगढ़, जगदलपुर एवं जशपुर जिले में 05 नवीन महिला थाना की स्थापना की जायेगी।
डायल.112 की सुविधाओं का पूरे प्रदेश में विस्तार किया जा रहा है। इस कार्य के लिए 149 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के अंतर्गत 03 जिलों हेतु वाटर टेण्डर, फोम टेण्डर एवं वाटर बाऊजर क्रय किये जायेंगे। इसके लिए   14 करोड़ 70 लाख का प्रावधान किया गया है।
बंदियों को उनके परिजनों से बातचीत करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 08 जिला जेल एवं 08 उप जेलों में प्रिजन कॉलिंग सिस्टम लगाये जायेंगे। इसके लिए 01 करोड़ 16 लाख का प्रावधान किया गया है।
जेलों की व्यवस्था से संबंधित विभिन्न कार्य जैसे. बंदी बैरक,  सी.सी. रोड, आवासीय भवन एवं बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु 32 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए शासकीय आवास निर्माण हेतु 129 करोड़ एवं पुलिस चौकी, थाना एवं अन्य भवनों के निर्माण हेतु    71 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

न्याय व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
राज्य के दूरस्थ एवं अंतिम छोर पर स्थित जिला बीजापुर में जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना की जायेगी। इस हेतु 44 पदों का सृजन एवं   01 करोड़ 45 लाख का प्रावधान किया गया है।
40 व्यवहार न्यायालयों तथा 10 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालयों की स्थापना हेतु 360 पदों का सृजन एवं 21 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जिला मुंगेली में फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना के लिए 09 पदों का सृजन एवं 33 लाख का प्रावधान किया गया है।
कटघोरा जिला कोरबा मंे परिवार न्यायालय की स्थापना के लिए    19 पदों का सृजन एवं 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
महासमुंद एवं जगदलपुर में परिवार न्यायालय भवन तथा 24 स्थानों पर व्यवहार न्यायालय, इस प्रकार कुल 26 न्यायालय भवनों का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए 289 आवासीय भवनों का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 21 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उच्च न्यायालय भवन में वीडियो कांफ्रेसिंग व्यवस्था एवं वीडियो वाल की स्थापना तथा जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में लाइव स्ट्रीमिंग एवं रिकार्डिंग हेतु अतिरिक्त सेटअप एवं कंप्यूटर उपकरणों की व्यवस्था के लिए 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ई.कोर्ट मिशन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन हेतु हार्डवेयर इंजीनियर एवं डाटा एण्ट्री ऑपरेटर के 596 पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।

नगरीय सुविधाओं का विकास
नगरीय क्षेत्रों में सबके लिए आवास योजना अंतर्गत 01 हजार  02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु अमृत मिशन योजना अंतर्गत 795 करोड़ एवं अधोसंरचना विकास मद अंतर्गत 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
रायपुर एवं बिलासपुर में स्मार्ट सिटी के लिए 404 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 206 करोड़ एवं यूज्ड वाटर मैनेजमेंट के लिए 166 करोड़ तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगरीय क्षेत्र में स्थित स्लम बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए  300 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगर पंचायत कुनकुरी, प्रतापपुर, लोरमी एवं मनेन्द्रगढ़ में ड्रेनेज सिस्टम एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जायेगी। इस हेतु  07 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में ई.गवर्नेन्स के तहत बजट एण्ड अकाउंटिंग मॉड्यूल स्थापित किया जायेगा। 47 नगरीय निकायों में प्रॉपर्टी सर्वे किये जाने हेतु GIS आधारित सॉफ्टवेयर निर्माण किया जायेगा। इससे प्रॉपर्टी टैक्स की प्राप्तियों में पारदर्शिता आयेगी। इन कार्यों के लिए   30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगरीय निकायों में नालंदा परिसर की तर्ज पर 22 स्थानों पर सेन्ट्रल लाईब्रेरी सह रीडिंग जोन का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 148 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शहरों में जल की शुद्धता की ऑटोमेटेड जांच एवं प्रदर्शन प्रारंभ किया जायेगा। रतनपुर एवं डोंगरगढ़ में पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए ड्रिन्क फ्रॉम टेप का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जायेगा।
छोटे घरों के लिए 15 दिवस के अंदर कंप्यूटराईज्ड जांच प्रणाली के माध्यम से भवन निर्माण की अनुमति की व्यवस्था लागू की जायेगी।

आवास एवं पर्यावरण
प्रधानमंत्री ई.बस सेवा अंतर्गत वाहनों के क्रय

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