0 मंत्री राजवाड़े बोलीं- आरोपियों पर होगी कार्रवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के दौरान जशपुर के सरकारी अस्पताल के कमोड में बच्चे के जन्म का मुद्दा उठा। बीजेपी विधायक गोमती साय ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं, सरकार क्वांटिफायबल डाटा को सार्वजनिक करने पर विचार करेगी।
जिसके जवाब में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि यदि मेरे पास इस तरह की कभी भी कोई घटना पहुंचती है, तो उसका मैं समाधान करूंगी। इसमें जो भी आरोपी सिद्ध होंगे, उन पर कार्रवाई करने का प्रयास करूंगी। यह घटना अत्यंत ही निंदनीय है।
धरमलाल कौशिक ने शराब के राजस्व से जुड़ा उठाया सवाल
धरमलाल कौशिक ने शराब के राजस्व से जुड़ा सवाल उठाते हुए पूछा कि ऑनलाइन डिलीवरी से शराब की राजस्व में जो प्राप्ति हुई, उसमें साल 2022 में 52 करोड़ 27 लाख थी। 2023 में जो प्राप्ति हुई, 24 लाख यह जो अंतर की राशि है, उसका कारण क्या है। इसलिए मैं चाह रहा हूं कि इसकी क्या जांच कराएंगे। कहां 52 करोड़ और कहां 24 लाख आखिर इसमें मामला क्या है? इसके जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव ने कहा कि इसकी जांच करवा देंगे, सभी सदस्यों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया।
रायपुर-बिलासपुर के क्लब-बार का उठा मुद्दा
धरमलाल कौशिक ने रायपुर-बिलासपुर के क्लब और बार को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि रात 12 बजे, 2 बजे तक क्लब खुले रहते हैं। बिलासपुर में भी इसी प्रकार से है, तो आप क्या जो राज्यभर खोल रहे हैं और जिस प्रकार से घटनाएं हो रही है, गोली चल रही है, लड़के-लड़कियां नाच रहीं हैं। समय पर जो काम नहीं हो रहा, तो उस पर पाबंदी लगाएंगे ? क्या जो टाइम की लिमिट है उसमें बार बंद हो जाएं, इन पर लगाम लगाएंगे क्या ? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिल्कुल सख्ती से नियम का पालन होगा, इसका निर्देश शासन से दिया जा चुका है।
लखमा ने स्वीकृत कामों को रद्द किए जाने की जानकारी मांगी
पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने खनिज न्यास निधि के तहत स्वीकृत कामों को रद्द किए जाने की जानकारी मांगी। इतने सारे काम आदिवासी जिले में निरस्त कर दिए गए इसका कारण क्या है बताइए ? डॉ रमन सिंह ने कहा कि लिखित में आपके सारे जवाब दे चुके हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कवासी लखमा सीनियर नेता है। जिले में कलेक्टर, सांसद और विधायक सभी कमेटी में रहते हैं। वह लोग तय करते हैं जब हमारी सरकार बनी, तो हम लोगों ने काम को निरस्त करने का आदेश नहीं किया है, बल्कि जो काम शुरू नहीं हुए थे, उसको रोकने का आदेश किया है। क्योंकि डीएमएफ के विषय में भारी शिकायत आ रही थी। पूरा बंदर बांट हो रहा था। इसलिए जिले में जो कमेटी है, उसको पावर है कि जो काम उसमें से उपयोगी है, जनहित में है, उसको वह चालू कर सकते हैं। जो अनावश्यक है, जो अनावश्यक रूप से स्वीकृत किए गए हैं, उसे निरस्त करें। कवासी लखमा ने बीजापुर से जुड़ा एक सवाल करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि पैसे जारी हो गए, लेकिन काम निरस्त हो गया। यह कैसे हुआ। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बता चुका हूं कि जो काम जारी है, उसको निरस्त करने का कोई आदेश नहीं हुआ है, जो अब प्रारंभ है उसकी समीक्षा करना है और निरस्त करना या समीक्षा करना या उसे आगे जारी रखना यह जिले की कमेटी के पास अधिकार है। लखमा ने कहा कि मेरे जिले के 14 काम निरस्त हुए हैं, उसे शुरू करेंगे क्या, मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि जिला कमेटी के पास पावर है जिसके आप स्वयं सदस्य हैं। मुख्यमंत्री ने निरस्त हुए कामों का परीक्षण करने को कहा है। कवासी लखमा ने डीएमएफ कमेटी की मीटिंग में ना बुलाए जाने को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सांसद-विधायक किसी को नहीं बुलाया गया, तो आखिर किसे जानकारी दी जा रही है, किसे बुलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि इसे दिखा लिया जाएगा।