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0 भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने उठाया मुद्दा 

रायपुर। विधानसभा में बुधवार को भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने शराब दुकानों के संचालन में प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा अनियमितता का मामला ध्यानाकर्षण के जरिए उठाया। धर्मजीत ने कहा कि प्रदेश में देसी विदेशी शराब के लिए क़रीब 700 शराब दुकानें है। विभाग की मॉनिटरिंग के अभाव में प्लेसमेंट एजेंसी अमानत में खयानत कर रही है। शराब दुकान में रोज बिक्री की राशि कोषालय में जमा नहीं की जा रही है। यह घपलेबाजी 2019 से चल रही है। 2856 करोड़ रुपए कोषालय में जमा नहीं होने का खुलासा इसी सदन में हुआ था। मैंने ही इस मामले को उठाया था। तब सदन में ये जवाब दिया गया था कि चिल्हर खर्च कर दिया गया। चिल्हर खर्चे के लिए 28 सौ करोड़ नहीं रखा जा सकता।

इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि शराब दुकानों का संचालन छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। दुकानें शासन के दिशा निर्देश पर चल रही है। माह की कुल बिक्री की आडिट की जाती है। यह सही नहीं है। 25 नवम्बर 2019 से शुरू हुए सत्र में 2856 करोड़ रुपए कोषालय में जमा नहीं होने का मामला सदन में आया था। इस पर धर्मजीत सिंह ने कहा कि इसी सदन में 2856 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई थी। मैंने इसकी जांच के लिए पत्र लिखा है। चिल्हर खर्चे के लिए 2800 करोड़ रखा नहीं जा सकता।
शराब की दुकानों पर मालिकाना हक़ सरकार का हो सकता है, लेकिन इन दुकानों को प्लेसमेंट एजेंसियां चला रही है। प्लेसमेंट एजेंसियों की गड़बड़ी की वजह से ही ईडी मामले की जांच कर रही है। इस पर जवाब देते हुए मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसियां केवल कर्मचारियों को नियुक्त करने का काम करती है। दुकानों का संचालन स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन करता है। टेंडर प्रक्रिया से सभी 12 जोन में प्लेसमेंट एजेंसी तय की जाएगी।
इसके बाद धर्मजीत सिंह ने पूछा कि सूरजपुर और दंतेवाड़ा की दुकानों में 22 लाख रुपए की चोरी हुई थी। क्या उन प्लेसमेंट एजेंसी से वसूली हुई? प्लेसमेंट एजेंसी के लोग इतने स्पेशलिस्ट थे कि झारखंड तक ट्रेनिंग देने चले गए थे। 2800 करोड़ रुपए का जो मसला है, क्या इसकी जांच की जाएगी? इस पर ओपी चौधरी ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी को होने वाले पेमेंट से हम वसूली एडजस्ट करेंगे।

इस पर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, देसी विदेशी की लगभग 700 दुकानें है।तमाम एजेंसियां नियम कानूनों की धज्जियां उड़ा रही है। ये सभी एजेंसियां अमानत में खयानत कर रही है। इसमें अधिकारी ही नहीं प्लेसमेंट एजेंसियां भी बेलगाम है। प्लेसमेंट एजेंसी और अधिकारी बेखौफ होकर शराब की दुकानें चला रहे हैं। इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 672 दुकानें संचालित है। इनके संचालन के लिए सरकार ने दिशा निर्देश दिए हैं। सभी मदिरा दुकानों में ऑडिट कर कुल बिक्री राशि का हिसाब किया जाता है। कांकेर के दो दुकानों में चोरी हुई है। इसका आंकड़ा अलग है, जिसकी रिपोर्ट भी नजदीकी थाने में कराई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ स्टेट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोष की राशि एडवांस में ही जमा कर दी जाती है। अब तक कोषालय में कोई रकम जमा हीं नहीं हुआ है, यह कहना सही नहीं है।

इस पर धर्मजीत सिंह ने कहा कि इसी विधानसभा में लिखित में उत्तर है कि 2800 करोड़ रुपए का अब तक कोई हिसाब ही नहीं है। आपके जवाब से तो ऐसा लग रहा है कि ये जो 2500 करोड़ रुपए का केस है, वह गलत है। 2800 करोड़ रुपए चिल्लहर खर्च के लिए रखा भी नहीं जा सकता। जितनी दुकानें आपने बताई उन दुकानों का संचालन कौन करता है, कैसे करता है। इनकी मॉनिटरिंग के लिए कौन से अधिकारी हैं। इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि कई तरह की बातें हमें भी सुनने को मिलती रहती थी। प्लेसमेंट एजंसियों के नाम पर कोई गड़बड़ी नहीं होगी। ट्रांसपेरेंट तरीके से सभी एजेंसियां अपना कार्य करेंगी।

शराब दुकानों में होगी एजुकेटेड युवाओं की भर्ती
धरमजीत सिंह ने कहा कि प्लेसमेंट एजंसियों के लोग इतने स्पेशलिस्ट थे कि झारखंड में भी ये अपनी ट्रेनिंग देने चले गए थे तो क्या आप सभी को बदलकर नई प्लेसमेंट एजंसियों को नियुक्त करेंगे क्या? इस पर ओपी चौधरी ने कहा कि इसी महीने उनके पेमेंट में एडजस्ट करेंगे, ताकि उनकी वसूली सुनिश्चित हो जाए। साथ ही अब नए युवाओं और एजुकेटेड युवाओं को ही प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए शामिल किया जाएगा।

वित्तमंत्री बोले- शराबबंदी का कोई वादा नहीं
इसी बीच कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने कहा कि इस सरकार में दारू बंद करने की कोई योजना है क्या? इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार ने जन घोषणा पत्र में वादा किया था, हाथ में गंगाजल लेकर शराबबंदी का वादा किया था। हमने ऐसा कोई वादा नहीं किया था, लेकिन अवैध दारू बिक्री पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के जवाब पर नेताप्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि हमने कभी गंगाजल हाथ में लेकर शराबबंदी का कोई वादा ही नहीं किया था।