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0 बोले- अजित गुट ही असली एनसीपी

मुंबई। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों की अयोग्यता के मामले में महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर फैसला सुना दिया है। उन्होंने विधायकों को योग्य बताते हुए उनके खिलाफ सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया है। उन्होंने अजित गुट को असली एनसीपी भी बताया। अजित पवार के पास 41 विधायकों का समर्थन है।

दरअसल, जुलाई 2023 में शरद पवार की एनसीपी तोड़कर अजित पवार भाजपा सरकार के गठबंधन में शामिल हो गए थे। इसके बाद शरद गुट ने स्पीकर से पार्टी तोड़ने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।

इसे लेकर अजित गुट ने दावा किया था कि उनके पास 41 विधायकों का समर्थन है। उन्होंने अपने गुट को असली एनसीपी बताया था। 5 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने भी अजित के गुट को ही असली एनसीपी बताया और शरद पवार गुट की पार्टी का नाम एनसीपी शरद चंद्र पवार फाइनल किया।

स्पीकर के आदेश की प्रमुख बातें
0 शरद पवार के हिसाब से नहीं चलने का मतलब यह नहीं है कि विधायकों ने पार्टी विरोधी काम किया है। पार्टी के अंदर की नाराजगी का मतलब विधान मंडल की नाराजगी नहीं होती।
0 पार्टी में मतभेद हुआ, लेकिन विधायकों ने पार्टी नहीं छोड़ी। पार्टी संविधान के अनुसार एनसीपी वर्किंग कमेटी सर्वोच्च संस्था है। इसमें 16 स्थायी सदस्य हैं। पार्टी का संविधान स्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता। हमें नेतृत्व संरचना, पार्टी संविधान और विधायकी की ताकत को देखकर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है। पार्टी संविधान और नेतृत्व संरचना में कोई स्पष्टता नहीं है।
0 शरद पवार गुट ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है, लेकिन 29 जून तक शरद पवार के अध्यक्ष पद पर कोई चैलेंज नहीं था। 30 जून को दो लोगों का अध्यक्ष पद का दावा हुआ। 30 जून 2023 को NCP में दो गुट बने।
0 शिवसेना को लेकर मैने जो फैसला लिया था, उसका आधार यहां लेना होगा। दोनों गुट पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर दावा कर रहे हैं। दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के मुताबिक नहीं हुआ है। यहां दो समानांतर नेतृत्व खड़े हो गए हैं। दोनों समूहों द्वारा अयोग्यता याचिकाएं भी दायर की गई हैं। अपना अध्यक्ष कैसे सही है इसलिए दोनों गुटों ने दस्तावेज दिए है।
0 अध्यक्ष कौन है यह मैं तय नहीं कर सकता। प्रतिनिधि सभा के दस्तावेज शरद पवार गुट ने नहीं दिए है। अध्यक्ष पद का चयन पार्टी में संविधान के तहत नहीं हुआ। ऐसे में विधायकों के संख्या बल के आधार पर निर्णय लिया गया।

शरद की 3 और अजित की 2 याचिकाएं थीं
शरद पवार गुट की तरफ से 3 और अजित पवार गुट की तरफ से 2 याचिका दायर की गई थीं। सभी 5 याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। सुनवाई में अजित पवार गुट की तरफ से अनिल पाटिल और समीर भुजबल मौजूद रहे, जबकि शरद पवार गुट से पहले सिर्फ वकील ही आए थे। बाद में जितेंद्र आहवाड भी आ गए थे।

उद्धव गुट बोला- सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला है
शिवसेना (उद्घव बालासाहेब ठाकरे) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि कितना हास्यास्पद है। पहले शिवसेना को लेकर ऐसा ही निर्णय और अब एनसीपी को लेकर भी समान निर्णय। कोई बात नहीं अभी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुला है। वहां हम सब को न्याय जरूर मिलेगा।