0 अवैध कमाई से दुबई में खरीदी प्रॉपर्टी, क्रिप्टो करेंसी में निवेश
0 मामले में अगली सुनवाई अब 24 फरवरी को
रायपुर/भिलाई। महादेव सट्टा ऐप केस में ईडी ने शुक्रवार को भिलाई से एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के करीबियों में शामिल 25 साल के नीतीश दीवान को गिरफ्तार कर रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। वैशाली नगर का रहने वाला नीतीश दीवान महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर के साथ ऐप के पैनल ऑपरेशन का काम करता था।
ईडी ने शुक्रवार को नीतीश दीवान को कोर्ट में पेश किया। ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने 8 दिन की कस्टोडियल रिमांड दी है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 24 फरवरी को होगी।
सट्टा ऐप की पैनल ऑपरेटर टीम में था नीतीश
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि नीतीश महादेव सट्टा ऐप की पैनल ऑपरेटर टीम में था। यह उन्हीं के साथ 2 साल तक दुबई में रहा है। नीतीश ने महादेव ऐप के पैसों को क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट किया है। नीतीश दीवान का काम पैनल ऑपरेटर को समय-समय पर चेक करना होता था। महादेव ऐप से आने वाली अवैध कमाई को प्रमोटर के कहने पर अपने अकाउंट के जरिए इधर-उधर ट्रांसफर करता था। सट्टे के पैसों को नीतीश दीवान के जरिए इन्वेस्ट किया गया है। इसके नाम से दुबई में कई प्रॉपर्टी खरीदी गई हैं।
बिजनेस को इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने की थी तैयारी
ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि महादेव सट्टा ऐप कारोबार को इंटरनेशनल लेवल तक ले जाने के तैयारी चल रही थी। इसके लिए नीतीश दीवान को जिम्बॉब्वे भी भेजा गया था। जिम्बॉब्वे जाकर नीतीश ने महादेव ऐप की बिजनेस अपॉर्चुनिटी को सर्च किया था। ये बात नीतीश दीवान ने खुद अपने स्टेटमेंट में बताई है। इस मामले में अभी और पूछताछ की जाएगी और जल्द ही कई खुलासे हो सकते हैं।
आईफा में बड़ी हस्तियों को अवॉर्ड दे चुका है नीतीश
महादेव केस में कोर कमेटी में शामिल नीतीश दीवान को दिल्ली एयरपोर्ट से पिछले साल 6 नवंबर को पकड़ा गया था। बाद में ईडी ने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया था। नीतीश दीवान आईफा फिल्म अवॉर्ड में बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों को अवॉर्ड भी दे चुका है। नीतीश और उसका भाई महादेव बुक के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के बेहद करीबी हैं।
नितिन टिंबरेवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई
महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कोलकाता से गिरफ्तार आरोपी नितिन टिंबरेवाल की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरोपी नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल की न्यायिक रिमांड की अवधी पर भी सुनवाई हुई है।