रायपुर। न्योता भोजन का यह आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया है। इसमें बताया गया है कि न्योता भोजन की अवधारणा, मूल रूप से भारत सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण की गाईडलाईन के कंडिका 12 में उल्लेखित तिथि भोजन से लिया गया है। यह सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। छत्तीसगढ़ में भोजन के लिए आमंत्रित करने को न्योता कहा जाता है। इसी आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य में तिथि भोजन को न्योता भोजन के नाम से लागू किया जा रहा है।
यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। ध्यान रहे न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य में भी न्योता भोजन की अवधारणा रखी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभांवित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया जा सकेगा। इस कार्यक्रम के तहत समुदाय के सदस्य विशेष अवसरों पर मिठाई, नमकीन, फल आदि के रूप में अतिरिक्त वस्तु या पूर्ण भोजन प्रदान कर सकते है। इसके तहत समुदाय के सदस्य किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते है।