0 कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय का इस्तीफा, बोले-भाजपा जॉइन करूंगा
गांधीनगर/कोलकाता। देश में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। अगले 10 दिन में लोकसभा चुनावों का ऐलान हो सकता है। इससे पहले मंगलवार गुजरात कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अर्जुन मोढवाडिया ने भाजपा का दामन थाम लिया। मोढवाडिया ने 4 मार्च को कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। मोढवाडिया के साथ कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट रहे अंबरीश डेर ने भी भाजपा जॉइन कर ली।
वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने भी 5 मार्च को पद से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ घंटे बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने भाजपा जॉइन करने की घोषणा कर दी। वे 7 मार्च को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी है। इस बीच, वाराणसी से कांग्रेस सांसद रहे राजेश कुमार मिश्रा भी भाजपा में आ गए। मिश्रा को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में अरुण सिंह, रविशंकर प्रसाद और अनिल बलूनी ने पार्टी में शामिल किया।
गांधीनगर में दोनों नेताओं को प्रदेश भाजपा प्रमुख ने पार्टी में शामिल किया
गुजरात भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल ने अर्जुन मोढवाडिया और अंबरीश डेर को राज्य पार्टी मुख्यालय कमलम में आयोजित समारोह में पार्टी में शामिल किया। मोढवाडिया और डेर ने 4 मार्च को राम मंदिर के उद्घाटन में न जाने के कांग्रेस के फैसले को पार्टी छोड़ने की वजह बताया था। बड़ी बात ये कि दोनों नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान उस वक्त किया, जब 3 दिन बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरात पहुंचने वाली है। गुजरात में कुछ दिन पहले कांग्रेस के राज्यसभा मेंबर और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारण भाई राठवा बेटे और कई समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे।
गुजरात के बड़े नेताओं में शुमार होते हैं मोढवाडिया, डेर
अर्जुन मोढवाडिया (67) करीब 40 साल कांग्रेस से जुड़े रहे। वे पोरबंदर से आते हैं। वे गुजरात के कांग्रेस प्रमुख और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मोढवाडिया ने भाजपा के कद्दावर बाबू बोखिरिया को हराया था। गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं। मोढवाडिया के विधायकी छोड़ने के बाद विधानसभा में कांग्रेस के पास 14 विधायक रह गए हैं। उनसे पहले दिसंबर में चिराग पटेल और जनवरी में सीजे चावड़ा ने विधायक (कांग्रेस के) पद छोड़ा था। वहीं, अंबरीश डेर (46) अमरेली की राजुला सीट पर 2017-22 तक विधायक (कांग्रेस) रहे थे। अंबरीश ने तब भाजपा के कद्दावर नेता हीरा सोलंकी को हराया था। हीरा, गुजरात में मंत्री परषोत्तम सोलंकी के छोटे भाई हैं। 2022 में गुजरात चुनाव से पहले अंबरीश को कांग्रेस का वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया था।
टीएमसी का हश्र भी माकपा जैसा ही होगाः जस्टिस गंगोपाध्याय
जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है, जो बंगाल में टीएमसी के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही है। ये भाजपा नेतृत्व तय करेगा कि वे मुझे लड़ाना चाहते हैं। वे जो भी तय करेंगे, मुझे स्वीकार होगा। उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के दिन अब गिनती के रह गए हैं। 2009 के लोकसभा चुनावों में माकपा के नेतृत्व वाले लेफ्ट का सफाया हो गया था। आखिरकार 2011 के विधानसभा चुनावों में उनकी हार हुई। टीएमसी का भी यही हश्र होगा। जस्टिस गंगोपाध्याय ने 2 मई 2018 को कलकत्ता हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज जॉइन किया था। 30 जुलाई 2020 में वे स्थाई जज बनाए गए।