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नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि हम किसी भी देश पर हमला नहीं करेंगे। किसी की एक इंच जमीन भी नहीं लेंगे। अगर भारत पर समुद्र (जल), धरती (थल) या आसमान (नभ) के रास्ते हमला होता है तो हम मुंहतोड़ जवाब देने की स्थिति में हैं।

सिंह ने ये भी कहा कि हम किसी भी समय, शांतिकाल में भी युद्ध के लिए तैयार हैं। नरेंद्र मोदी सरकार भारत और भारतीयों की क्षमताओं पर भरोसा करती है, जबकि पहले की सरकारें इस मुद्दे पर उलझन में रहती थीं। राजनाथ सिंह ने ये बातें एक न्यूज चैनल के डिफेंस समिट में कहीं।

रक्षामंत्री ने ये बातें पाकिस्तान और चीन के संदर्भ में कहीं। हालांकि उन्होंने भाषण में दोनों देशों का जिक्र किए बिना उन्हें चेतावनी दी। 2019 में पुलवामा हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध (डिप्लोमैटिक रिलेशन) खत्म कर दिए हैं। वहीं, चीन के साथ लंबे समय से लद्दाख और पूर्वोत्तर (सिक्किम, अरुणाचल) में विवाद बना हुआ है। जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ रोकने की कोशिश में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहे हैं
रक्षामंत्री ने कहा कि हमने डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) से लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का गठन किया है। कई हथियार अब भारत में बनाए जाने लगे हैं, जिसकी लंबी लिस्ट है। इस आत्मनिर्भरता से रक्षा क्षेत्र मजबूत हुआ है। हम मिलिट्री के मॉडर्नाइजेशन और देश के रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। राजनाथ के मुताबिक, जब से हमारी सरकार आई, तब से हमारा फोकस मिलिट्री के आधुनिकीकरण और हथियारों के निर्माण में आत्मनिर्भरता की तरफ था। हालांकि मैं ये कतई नहीं कह रहा कि पहले की सरकारों ने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए काम नहीं किया।

हमारा युवाओं पर भरोसा है
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा युवा एक कदम चलेगा तो सरकार 100 कदम बढ़ाएगी और वो 100 कदम चलेंगे तो हम 1000 कदम आगे बढ़ेंगे और ये हमारा संकल्प है। जब हम कहते हैं, हमें अपने युवाओं पर विश्वास है तो मैं इसे बड़ी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं।

हमें फोर्स को भविष्य की सेना के रूप में तैयार करना होगा: आर्मी चीफ
समिट में आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि आज पारंपरिक युद्ध का तरीका बदल चुका है। तकनीक केवल अमीर देशों की नहीं रह गई है। विघटनकारी तकनीक युद्ध को बदल रही है। भारतीय सेना, एक बड़ी लैंड बेस्ड फोर्स है। हमें इसे एक चुस्त, भविष्य के लिए तैयार रहने वाली फोर्स में बदलना होगा जो मल्टी-डोमेन में काम कर सके और अन्य बलों के साथ तालमेल बैठा सके। जनरल पांडे के मुताबिक स्वदेशीकरण से सशक्तिकरण का काम तेजी से चल रहा है। सभी सेक्टर को जिम्मेदारी से काम करना होगा। कोर कैपेसिटी को डेवलप करना बेहद जरूरी है।