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नारायणपुर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नगर में कई सामाजिक संगठनों ने कई कार्यक्रम आयोजित किए। वर्तमान में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही नगर की प्रमुख महिला हस्तियों ने महिला दिवस पर बेबाकी से अपनी बात कही और महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इन महिला हस्तियों का कहना है कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर तेजी से आगे बढ़ रही हैं और कई क्षेत्रों में इतिहास भी रच रही हैं। वर्तमान में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां महिलाएं अपना योगदान नहीं दे रही हो यानी महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं।

हर महिला की सफलता दूसरी महिला के लिए प्रेरणा होनी चाहिए : डॉ.बीना खोबरागड़े
शासकीय आयुष पॉलीक्लिनिक नारायणपुर की आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ.बीना खोबरागड़े का कहना है कि समर्थ एवं सशक्त महिला अपने परिवार के साथ-साथ समाज को भी नई दिशा दे सकती है | हर महिला की सफलता दूसरी महिला के लिए प्रेरणा होनी चाहिए,मै एक ऐसी दुनिया की कामना करती हूं जहां अवसर असीमित हों और महिलाएं नई ऊंचाइयों को छूएं।महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करना और उनका जश्न हर रोज मनाना चाहिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की समानता और सशक्तिकरण पर जागरूकता और भी महत्वपूर्ण है।

महिलाओं को अपने हिस्सेदारी हर क्षेत्र में बढ़ानी होगी : वैशाली मरड़वार
समाज कल्याण विभाग की सहायक संचालक श्रीमती वैशाली मरड़वार का कहना है कि महिलाओं को अपने हिस्सेदारी हर क्षेत्र में बढ़ानी होगी जिस दिन हम इस समाज का कोई क्षेत्र अछूता नहीं रखेंगे, उस दिन महिला दिवस मनाने की जरूरत भी नहीं रहेगी। हर बिटिया से यही उम्मीद है कि वह दोहरे व्यवहार से बच्चे,मतलब एक तरफ वह कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों के साथ कदम बढ़ाना चाहती है तो दूसरी तरफ फायदा उठाने के लिए रियायत भी चाहती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा तो रियायतों की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। मैं हमेशा से सोचती हूं कि हर महिला को अपनी पसंद के अनुसार अपना कार्य क्षेत्र चुनना चाहिए ताकि स्त्रियोंचित गुण जैसे संवेदनशीलता व रचनात्मकता का सकारात्मक असर उनके कार्यों में झलक सके। काम को अगर काम ना समझ कर हॉबी के रूप में किया जाए तो सफलता निश्चित मिलती है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हम सभी महिलाओं को बधाई।

महिलाओं की प्रतिभा का सम्मान किया जाना चाहिए : दीपा धोटे
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गढ़बेंगाल की व्याख्याता श्रीमती दीपा धोटे का कहना है कि महिलाओं में अधिकारों के प्रति समझ विकसित हुई है। अपनी शक्ति को स्वयं समझकर, जागृति आने से ही घरेलू एवं कामकाजी महिलाएं उत्पीड़न से छुटकारा पा सकती हैं। महिलाएं अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर हर क्षेत्र में प्रवीणता अर्जित कर रही है। इनकी इस प्रतिभा का सम्मान किया जाना चाहिए
तभी महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।

संस्कृति को बनाए रखने नारी का सम्मान आवश्यकः श्यामबती नेताम
जिला पंचायत नारायणपुर की अध्यक्ष श्रीमती श्यामबती नेताम ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। किंतु वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान होता चला जा रहा है। उसे भोग की वस्तु समझकर आदमी अपने तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। यह बेहद चिंताजनक बात है। लेकिन हमारी संस्कृति को बनाए रखते हुए नारी का सम्मान कैसे किया जाए, इस पर विचार करना आवश्यक है।माता का हमेशा सम्मान होना चाहिए।मां को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है, क्योंकि ईश्वर की जन्मदात्री भी नारी ही रही है।किंतु बदलते समय के हिसाब से संतानों ने अपनी मां को महत्व देना कम कर दिया है। यह चिंताजनक पहलू है। सब धन-लिप्सा व अपने स्वार्थ में डूबते जा रहे हैं। परंतु जन्म देने वाली माता के रूप में नारी का सम्मान अनिवार्य रूप से होना चाहिए, जो वर्तमान में कम हो गया है । इस बारे में नई पीढ़ी को आत्मावलोकन करना चाहिए।

नारी सम्मान के लिए हर देशवासी को दृढ़ संकल्पित होने की जरुरतः सुनीता माझी
नगर पालिका परिषद नारायणपुर की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता माझी का कहना है कि नारी सम्मान आज सिर्फ एक नारा बन कर रह गया है।नारी सम्मान के लिए हर देशवासी को दृढसंकल्पित होने की जरूरत है तभी नारी को सम्मान मिल पाएगा।इसके लिए कड़ा से कड़ा कानून बना कर सख्ती से पालन करवाने की जरूरत है। महिला जो हर पल आपके साथ किसी न किसी रूप में उपस्थित है वह सम्माननीय है। महिलाओं को गर्व होना चाहिए, अपने महिला होने पर।

हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियां बढ़ती जा रही हैः डॉ. रत्ना नशीने
लिंगों मुदियाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केन्द्र, नारायणपुर की अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने का कहना है कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं के सम्मान को हमेशा से ही महत्व दिया जाता है।आज नारी सिर्फ घर की ही नहीं बल्कि देश की शान भी बन रही हैं और लगभग हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियां बढ़ती ही जा रही हैं। उनकी इन्हीं उपलब्धियों को और अधिक सशक्त बनाने और नारी का महत्व को समझने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए विश्व 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस विशिष्ठ अवसर पर मैं प्रत्येक नारी से यह अपील करना चाहूंगी कि अपने जीवन में "शक्ति... प्रगति... विजय..." को अपना ध्येय वाक्य बनाकर सबल, सक्षम और सुदृढ़ बनाएं जिससे के भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के साथ-साथ महिला सशक्त राष्ट्र के रूप में ब्रह्माण्ड विख्यात हो।