ईटानगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश , मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में लगभग 55,600 करोड़ रुपये की अनेक विकासात्मक परियोजनाओं का शनिवार को उद्घाटन किया। इसमें रेल, सड़क, स्वास्थ्य, आवास, शिक्षा, सीमा अवसंरचना, आईटी, बिजली, तेल और गैस और अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
श्री मोदी ने ईटानगर में एक सार्वजनिक समारोह 'विकसित भारत विकसित पूर्वोत्तर कार्यक्रम' में रिमोट बटन दबाकर तवांग को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करने के लिए 13,000 फुट की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी दो-लेन वाली सेला सुरंग को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में कई विकास पहलों की शुरूआत के साथ प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर की प्रगति एवं विकास का दृष्टिकोण और मजबूत हुआ है, जिसमें रेल, सड़क, स्वास्थ्य, आवास, शिक्षा, सीमा अवसंरचना, आईटी, बिजली, तेल और गैस सहित कई क्षेत्र शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान, श्री मोदी ने पूर्वोत्तर के लिए एक नयी औद्योगिक विकास योजना, उन्नति (उत्तर पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगिकीकरण योजना) भी शुरू की। इस योजना की लागत लगभग 10,000 करोड़ रुपये है। इस योजना से पूर्वोत्तर क्षेत्र में औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी, नए निवेश के द्वार खुलेंगे, नयी विनिर्माण एवं सेवा इकाइयों को स्थापित करने में मदद मिलेगी और पूर्वोत्तर राज्यों में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही,
उन्नति, औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने और पूर्वोत्तर क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि और विकास में सहायता मिलेगी।
सेला सुरंग परियोजना की लागत लगभग 825 करोड़ रुपये है और यह इंजीनियरिंग की एक मिसाल है। यह अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर सेला दर्रे के पार तवांग को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी। इसके निर्माण में नई ऑस्ट्रियाई टनलिंग पद्धति का उपयोग किया गया है और इसमें उच्चतम मानकों की सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं।
यह परियोजना न केवल इस क्षेत्र में एक तेज और कुशल परिवहन मार्ग प्रदान करेगी, बल्कि देश के लिए इसका रणनीतिक महत्व भी है। सेला सुरंग की आधारशिला प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में रखी थी।
श्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में 41,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और देश को समर्पित किया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के निचली दिबांग घाटी जिले में 2880 मेगावाट की दिबांग बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी। यह बांध देश का सबसे ऊंचा बांध होगा और इसकी लागत लगभग 31,875 करोड़ रुपये होगी। यह बिजली उत्पन्न करेगा, बाढ़ में कमी लाने में मदद करेगा और क्षेत्र में रोजगार का अवसर और सामाजिक आर्थिक विकास प्रदान करेगा।
अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं जिनकी आधारशिला रखी गई, उनमें अन्य के अलावा 'वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम' के अंतर्गत कई सड़क, पर्यावरण और पर्यटन परियोजनाएं; स्कूलों को 50 स्वर्ण जयंती स्कूलों में अपग्रेड करना जहां अत्याधुनिक अवसंरचना के माध्यम से समग्र शिक्षा प्रदान किया जाएगा; डोनी-पोलो हवाई अड्डा से नाहरलागुन रेलवे स्टेशन तक संपर्क प्रदान करने के लिए एक दो-लेन की सड़क शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित किया, जिनमें अन्य के अलावा कई सड़क परियोजनाएं, जल जीवन मिशन की लगभग 1100 परियोजनाएं और यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के अंतर्गत 170 टेलीकॉम टावर, 300 से ज्यादा गांवों को लाभान्वित करना शामिल है।
इसी कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने मणिपुर में 3,400 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई विकास परियोजनाओं, नागालैंड में 1,700 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं, मेघालय में 290 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं, सिक्किम में 450 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं और त्रिपुरा में 8,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनाइक, मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, उपमुख्यमंत्री चौना मीन और राज्य विधानसभा अध्यक्ष पासांग दोरजी सोना सहित कई गणमान्य लोग भी उपस्थित हुए।