नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की याचिका पर आगे की सुनवाई 19 मार्च को करेगा।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख मुकर्रर कर दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसे उन्होंने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। इस संबंध में ईडी ने 26 फरवरी के नोटिस के संबंध में शीर्ष अदालत के समक्ष कहा कि उसका जवाब तैयार है और उसे दाखिल कर देगी। अदालत ने 26 फरवरी को ईडी को जवाब-तलब किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की एकल पीठ ने फरवरी के शुरू में संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद संजय सिंह को जमानत देने से इनकार कर करते हुए कहा था कि याचिका स्वीकार करने का कोई ठोस आधार नहीं है।
पीठ ने हालांकि, इस मामले में तेजी से सुनवाई करने के लिए निचली अदालत को निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति शर्मा ने अपने आदेश में कहा था, “जमानत देने का कोई ठोस आधार नहीं है। हम निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश देते हैं। संबंधित पक्षों की ओर से अनावश्यक स्थगन की मांग नहीं की जाएगी।”
निचली अदालत ने 22 दिसंबर 2023 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
गौरतलब है कि श्री सिंह को ईडी ने पिछले साल 04 अक्टूबर को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। वह 13 अक्टूबर 2023 से न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने आबकारी नीति (जो बात में रद्द कर दी गई थी) तैयार करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस नीति का उद्देश्य कथित तौर पर कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं आदि को करोड़ों रुपए गैर कानूनी तरीके से लाभ पहुंचाना था।
दूसरी ओर, श्री सिंह का आरोप है कि उनके खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उनमें कोई सच्चाई नहीं है।
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