0 साबरमती में कोचरब आश्रम का उद्घाटन किया
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अहमदाबाद में 85 हजार करोड़ रुपए की रेल प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। उन्होंने देशभर के विभिन्न राज्यों से चलने वाली 10 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद उन्होंने साबरमति आश्रम में कोचरब आश्रम का उद्घाटन किया और गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूज्य बापू का ये साबरमती आश्रम हमेशा से ही एक अप्रतिम ऊर्जा का जीवंत केंद्र रहा है। जब-जब यहां आने का अवसर मिलता है, तो बापू की प्रेरणा हम अपने भीतर स्पष्ट रूप से अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज 12 मार्च की ऐतिहासिक तारीख भी है। आज के ही दिन बापू ने स्वतंत्रता आंदोलन की धारा को बदला और दांडी यात्रा इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई। सत्य-अहिंसा के आदर्श हों, राष्ट्र आराधना का संकल्प हो या गरीबों-वंचितों की सेवा करते हुए नारायण के दर्शन की भावना हो, साबरमती आश्रम आज भी बापू के इन मूल्यों को जीवित रखे हुए है।
5 एकड़ में सिमट गया था साबरमती आश्रम
अभय घाट में अपने संबोधन में उन्होंने कहा- 'साबरमती आश्रम 120 एकड़ में फैला था, जो धीरे-धीरे अतिक्रमण के चलते 5 एकड़ जमीन में सिमट गया था। एक समय यहां छोटे-बड़े 63 घर बन गए थे। हमने यहां की 55 एकड़ जमीन मुक्त करवाई। पहले की सरकारों ने यहां की विरासत को बचाने की कोशिश ही नहीं की। इसका कारण उनकी तुष्टीकरण की नीति थी। इसी के चलते हमारे देश की महान धरोहर ऐसे ही तबाह होती चली गई। अतिक्रमण, अस्वच्छता और अव्यवस्था ने हमारे देश की महान विरासत को घेर रखा था, जिसे मुक्त कराने का हमारा अभियान जारी है।
50 दिनों में 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे
मैं काशी का उदाहरण देता हूं। वहीं, 10 साल पहले क्या हालत थी, यह सभी जानते हैं। आज की हालत आप देख सकते हैं। आज वहां अनेक प्रकार की सुविधाएं खड़ी हो गई हैं। दो साल में 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु काशी आए हैं। इसी तरह अयोध्या में हमने 200 एकड़ जमीन को मुक्त कराया। आज वहां कई सुविधाएं खड़ी कर दी गई हैं। इसी के चलते पिछले 50 दिनों में ही 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन किए।
गुजरात ने कई धरोहरों को संरक्षित किया है
'गुजरात ने कई धरोहरों को संरक्षित किया है। मैंने आजादी से जुड़े स्थानों के विकास के लिए अभियान शुरू किया था। दिल्ली राजपथ ने अपना यह कर्तव्य भी निभाया है। एकतानगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण हो चुका है। अब साबरमती आश्रम का विकास किया जा रहा है।
10 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 10 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेनें अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूरु-डॉ एमजीआर सेंट्रल (चेन्नई), पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून, कलबुर्गी - सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी, खजुराहो- दिल्ली (निज़ामुद्दीन) रूट पर चलेंगीं। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश को यह गारंटी दे रहा हूं कि अगले पांच साल में आप भारतीय रेल का ऐसा काया कल्प होते देखेंगे जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। 10 साल का काम अभी तो ट्रेलर है, मुझे तो और आगे जाना है।'
पीएम मोदी बोले- भारतीय रेलवे पिछली सरकारों में विक्टिम रहा
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक युवा देश है। यहां पर बड़ी संख्या में युवा आबादी रहती है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि आज जो उद्घाटन यहां हुए वे आपके वर्तमान के लिए हैं और जो नींव रखी गई हैं वे आपके सुनहरे भविष्य की गारंटी देती हैं।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जो सरकार आई उसने राजनीतिक स्वार्थ को प्राथमिकता दी। भारतीय रेलवे उसका बड़ा विक्टिम रहा। सबसे पहले मैंने जो काम किया था, वह था रेलवे को राष्ट्रीय बजट में शामिल करना। इसकी वजह से सरकार के फंड अब रेलवे के विकास में काम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 700 से ज्यादा स्थान पर लाखों लोग इस कार्यक्रम में जुड़े हैं। विकसित भारत के लिए हो रहे नव निर्माण का लगातार विस्तार हो रहा है। दशकों से मांग थी की माल गाड़ियों के लिए अलग ट्रैक होने चाहिए, लेकिन कांग्रेस के राज में यह प्रोजेक्ट लटकता, भटकता और अटकता रहा।