0 लोअर कोर्ट ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा, हाईकोर्ट ने दी राहत
रायपुर। उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरण कांड के सभी आरोपियों को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। अपहरण कांड में डॉ. आफताब आलम, अनिल चौधरी प्रदीप, शिशिर, मुन्ना व तूफान आरोपी बनाया गया था । निचली अदालत ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बेंच ने आरोपियों को राहत दी है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील बीपी सिंह ने तर्क दिया कि ठोस सबूतों के बगैर आजीवन कारावास की सजा उचित नहीं है। पुलिस की करवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरोपियों से बरामद की गई संपत्ति को विवादित तरीके जब्त किया गया है, जो गाड़ी पुलिस जब्त की थी, वह गाड़ी आरोपी अनिल चौधरी की खुद की थी। वकील ने तर्क दिया कि इस केस में ओडिशा सहित बाहरी गैंग के लोगों को आरोपी बनाया गया है। जबकि मुख्य आरोपी को अब भी पुलिस फरार बता रही है। ऐसे मे केवल शक के आधार पर आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा देना उचित नहीं है ।
निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील
आरोपियों ने लोअर कोर्ट के फैसले आ जीवन कारावास की सजा को निरस्त करने की अपील की है। पुलिस के जांच औऱ सबूत पर सवाल उठाते हुए बेल देने की मांग की थी। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील के तर्क को सुनने के बाद बैंच ने जमानत स्वीकार कर लिया।
ये था मामला
8 जनवरी 2020 को उद्योगपति प्रवीण सोमानी सिलतरा स्थित अपनी फैक्ट्री से घर के लिए निकले थे, इसी दौरान अपराधियों ने उनका अपहरण कर लिया था। मामले में छानबीन के बाद उसके यूपी में होने का पता चला था। खुद एसएसपी आरिफ शेख यूपी जाकर सोमानी को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाकर रायपुर वापस लाए थे। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।