0 एसीबी-ईओडब्ल्यू ने रायपुर कोर्ट में किया था पेश
0 कोल स्कैम केस में सौम्या चौरसिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित
0 महादेव सट्टा एप केस में निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा की जमानत याचिका खारिज
रायपुर। रायपुर के जिला न्यायालय में शुक्रवार को तीन हाई प्रोफाइल मामलों में सुनवाई हुई। इनमें पहला शराब घोटाला मामला जिसमें कोर्ट ने अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को 18 अप्रैल तक रिमांड पर भेज दिया है। एसीबी-ईओडब्ल्यू ने दोपहर में तीनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर दिया।
वहीं कोयला घोटाला केस में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका को लेकर कोर्ट ने 16 अप्रैल तक फैसला सुरक्षित रखा है। इसके अलावा महादेव सट्टा एप केस में जेल में बंद निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया है।
तीनों को साथ बैठाकर पूछताछ की खबर
दरअसल, शराब घोटाला मामले में 4 अप्रैल को एसीबी-ईओडब्ल्यू ने कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया था। जिनकी दूसरी बार रिमांड शुक्रवार को खत्म हो गई। इन दोनों को कोर्ट में पेश कर तीसरी बार रिमांड ली गई। वहीं शराब स्कैम में अनवर और अरविंद के अलावा बिहार से अरूणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी गुरुवार 11 अप्रैल) ही हुई है। गिरफ्तारी के बाद उसे भी शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। उसकी भी 18 अप्रैल तक की रिमांड एसीबी-ईओडब्ल्यू को मिल गई है। सूत्रों से खबर है कि इन तीनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। बताया जा रहा है कि अब तक की पूछताछ में अनवर, अरविंद से कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है। दोनों पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। दोनों ज्यादातर सवालों में जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं।
सौम्या ने बच्चों की परवरिश के आधार पर मांगी है बेल
कोयला घोटाले में आरोपी बनाई गई सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर भी आज कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने 16 अप्रैल तक अपना फैसला सुरक्षित रख दिया है। सौम्या चौरसिया के वकील ने सौम्या के दोनों बच्चों की परवरिश को आधार बनाकर बेल देने का पक्ष रखा था।
सट्टा एप केस में भी हुई सुनवाई
महादेव एप सट्टेबाजी केस में जेल में बंद निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के जमानत आवेदन को कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं एक और आरोपी नितिन टिबरेवाल की याचिका पर कोर्ट 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इससे पहले कोर्ट में हुई सुनवाई में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया था कि चंद्रभूषण वर्मा का महादेव सट्टा से कोई लेनादेना नहीं है। उसे ईडी ने झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार किया है।