0 5 आरोपियों को सरेंडर करने के लिए तीन सप्ताह का मिला अतिरिक्त समय
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने याह्या ढेबर समेत 5 आरोपियों को राहत देते हुए सरेंडर के लिए तीन हफ्ते का अतिरिक्त समय दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट की एसवीएन भाटी की बेंच ने यह आदेश पारित किया है। गौरतलब है कि आज आरोपितों को जिला एवं सत्र न्यायलय में सरेंडर करना था। उधर शूटर चिमन सिंह समेत विनोद सिंह राठौर ने विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज में सरेंडर किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे और अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी व याह्या ढेबर को यह राहत दी है, जबकि शेष अन्य आरोपियों को कोर्ट में सरेंडर करना होगा।
31 आरोपी बनाए गए, 27 को हुई उम्रकैद
4 जून, 2003 को छत्तीसगढ़ का पहला राजनीतिक जग्गी हत्याकांड जितना चर्चित रहा है, उतना ही चर्चित उसका फैसला भी आया। इस मामले में 31 आरोपित बनाए गए थे। दो आरोपित सरकारी गवाह बन गए। 29 आरोपितों पर केस चला। इस मामले के मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 27 आरोपियों को उम्रकैद की सजा हुई थी। इनमें तीन पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।
इन दोषियों की अपील पर फैसला
जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत), विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर की ओर से अपील की गई थी।
2003 में हुई थी रामावतार जग्गी की हत्या
4 जून 2003 को एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे। जिनमें से दो विक्रम शर्मा उर्फ बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। 29 आरोपितों पर केस चला। इस मामले के मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 27 आरोपितों को उम्रकैद की सजा हुई थी। उम्रकैद की सजा पाने वालों में 2 तत्कालीन सीएसपी और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर और शूटर चिमन सिंह भी शामिल हैं।