0 साय बोले- मेरा सौभाग्य, बैज ने कहा- भाजपा श्रमिक विरोधी
रायपुर/रायगढ़। 1 मई मजदूर दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा चर्चा बोरे-बासी की रही। प्रदेश के श्रमिकों का यह भोजन सियासी चेहरों की जुबान पर चटखारे के साथ चढ़ा हुआ था। पक्ष-विपक्ष दोनों दलों के नेता बोरे-बासी के साथ दिखे। मुख्यमंत्री साय ने श्रमिकों के साथ बासी खाए। कांग्रेस नेताओं ने बोरे-बासी भोज का आयोजन करवाया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव ने रायपुर में सबसे पहले दिन की शुरुआत श्रमिकों के साथ बोरे-बासी खाकर की। इस कार्यक्रम में श्रमिकों को सम्मानित भी किया। भाजपा और कांग्रेस के बीच श्रमिकों के इस भोजन और मजदूर दिवस को लेकर बयानबाजी भी होती रही।
इस बार नहीं दिखा पहले जैसा माहौल
साल 2023 के 1 मई की तरह बोरे-बासी खाते हुए ना तो कलेक्टर नजर आए ना ही जिलों के एसपी। पिछली बार कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे। पूरा प्रशासन बासी का कटोरा मुंह से लगाकर खुद को मजदूरों के भोजन के करीब दिखाने में लगा था। इस बार वैसा जलवा बोरे-बासी का नहीं दिखा।
बासी खाकर क्या बोले मुख्यमंत्री ?
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, आज श्रमिक दिवस के दिन श्रमिकों के साथ भोजन करने का सौभाग्य मुझे मिला। भाजपा सरकार ने श्रमिकों को 5 रुपए में भरपेट भोजन देने की जो सुविधा शुरू की थी, वह आज भी जारी है। मैंने भारत सरकार में 2 साल लेबर मिनिस्ट्री में भी बतौर मंत्री काम किया। मैं गांव का रहने वाला हूं। श्रमिकों की समस्या हम समझते हैं। श्रमिक झोपड़ी में रहकर महल बनाते हैं, जो विकास आज हम देखते हैं, वो श्रमिकों के पसीने की देन है।
भूपेश बघेल ने कांग्रेस नेताओं संग खाया बासी
रायगढ़ दौरे के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस विधायक उमेश पटेल, कांग्रेस नेता प्रकाश नायक के साथ बोरे बासी खाते दिखे। उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीर पोस्ट कर लिखा है कि ठंडा मतलब बोरे बासी। प्रदेश के श्रमिक हमारा अभिमान हैं। बोरे बासी छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़ा भोजन है। इसे सभी को खाना चाहिए।
डिप्टी सीएम साव ने बताया कांग्रेस का दिखावा
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि, बोरे बासी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, कांग्रेस दिखावे पर और भाजपा काम करने पर भरोसा करती है। मोदी ने पूरे देश में वन नेशन, वन राशन कार्ड लागू किया। छत्तीसगढ़िया दूसरे प्रदेश में भी बोरे बासी खा रहे। कांग्रेस बोरे बासी नहीं श्रमिकों का हक खाती रही है।
भूपेश बघेल ने बोर बासी दिवस मानकर सिर्फ दिखावा किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़िया के श्रम का अपमान किया है। उनके राज में श्रमिकों को मान सम्मान नहीं मिला। मजदूर न्याय का पैसा किसे मिला, ये आज तक पता नहीं चला। श्रमिक के नाम पर खुलेआम भ्रष्टाचार किया है। कांग्रेस ने लोगों को ठगने का काम किया है। छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति को संरक्षित करने का काम हमारी सरकार कर रही है। कांग्रेस के लोग कांटे वाले चम्मच में बासी खाते थे। इन्होंने यहां की संस्कृति को दूषित करने का काम किया है। बोरे बासी हर छत्तीसगढ़िया के रोज की दिनचर्या में शामिल हैं। ये हमारी परंपरा है।
दीपक बैज ने बताया भाजपा को श्रमिक विरोधी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी बोरे-बासी खाया। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारे किसानों, मजदूरों के सम्मान के साथ अपनी परंपरा पर अभिमान होगा। भाजपा किसान और छत्तीसगढ़ संस्कृति विरोधी है, इसलिए वे इसका विरोध कर रहे है। पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए मोदी सरकार ने मजदूरों के रोजगार और सामाजिक सुरक्षा दोनों को खत्म करने का षड्यंत्र रचा है। दीपक बैज ने कहा कि केंद्रीय सदन में विपक्ष दल के सांसदों को बाहर कर एक ही दिन में बिना चर्चा के दर्जनों श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी संशोधन किए गए। कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानून को समाप्त कर नए कानून में 75 प्रतिशत श्रमिकों को बाहर कर दिया गया। शोषण के खिलाफ हड़ताल और प्रदर्शन तक के अधिकार एक झटके में समाप्त कर दिए गए, मोदी सरकार ने मजदूरों का हक छीना है।
कांग्रेसियों ने किया आयोजन
श्रमिक दिवस के दिन रायपुर में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी विकास उपाध्याय ने बोरे बासी खाकर श्रमिक दिवस मनाया। जिसमें रायपुर जिला कांग्रेस कमेटी के नेता भी दिखाई दिए। उपाध्याय ने कहा कि, आज का दिन श्रमिक भाईयों का सम्मान कर अपनी संस्कृति पर गर्व करने का दिन है।