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0 राजू भदोरिया, धर्मेंद्र और रवि सिंह पहुंचे कोर्ट
0 21 साल पहले गोली मारकर की गई थी हत्या​​​​​

रायपुर। एनसीपी नेता रामावतार जग्गी मर्डर केस में आरोपी राजू भदोरिया, धर्मेंद्र उर्फ लल्लन और रवि सिंह ने सोमवार को रायपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। भिंड से अपने अधिवक्ता और परिजनों के साथ तीनों दोषी सरेंडर करने पहुंचे थे। इस मामले में शूटर चिमन सिंह और विनोद राठौड़ समेत अब तक 10 दोषियों ने कोर्ट में सरेंडर किया है।

4 अप्रैल को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के 27 दोषियों की अपील खारिज कर दी थी। लोअर कोर्ट के आजीवन कारावास के फैसले को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने 5 दोषियों तत्कालीन क्राइम ब्रांच के प्रभारी रहे आरसी त्रिवेदी, तत्कालीन थाना प्रभारी वीके पांडे, सीएसपी कोतवाली अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी और याह्या ढेबर को तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था। वहीं इस मामले में दोषी फिरोज सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। फिरोज के वकील से शाहिद सिद्दीकी ने इस बात की जानकारी दी। इसके अलावा 13 मई को एक और दोषी शिवेंद्र सिंह परिहार की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।

21 साल पहले गोली मारकर हुई थी हत्या
4 जून 2003 को एनसीपी नेता रामावतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से 2 लोग बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा मिली थी। हालांकि बाद में अमित जोगी बरी हो गए थे। रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने अमित जोगी को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर अमित के पक्ष में स्टे है।

कौन थे रामावतार जग्गी
कारोबारी बैकग्राउंड वाले रामावतार जग्गी देश के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी थे। शुक्ल जब कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए तो जग्गी भी उनके साथ-साथ गए। विद्याचरण ने जग्गी को छत्तीसगढ़ में एनसीपी का कोषाध्यक्ष बना दिया था।