0 कहा - चिंता की कोई बात नहीं, भारत सरकार किर्गिस्तान सरकार के सतत संपर्क में है
0 छात्र बोले-जान का खतरा, मदद की लगाई गुहार
रायपुर/जांजगीर-चांपा/ बिलासपुर/गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। किर्गिस्तान में छत्तीसगढ़ के करीब 100 से ज्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। राजधानी बिश्केक से शुरू हुई हिंसा कई अन्य किर्गिस्तान के राज्यों में भी फैल गई है। ऐसे में स्टूडेंट्स को उनके हॉस्टल से निकलने पर रोक लगा दी गई है। स्टूडेंट्स ने वीडियो संदेश जारी कर जान का खतरा जताया है और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। इधर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किर्गिस्तान में फंसे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों से फोन पर बात की। उन्होंने छात्रों को खुद का ख्याल रखने और जरूरत होने पर छत्तीसगढ़ सरकार से संपर्क करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति में छत्तीसगढ़ और भारत सरकार उनके साथ खड़ी है।
श्री साय ने बिलासपुर जिले के मस्तूरी निवासी छात्र विजय और जांजगीर जिले की निवासी छात्रा शिवानी से बात कर उनका हालचाल जाना और खुद का ख्याल रखने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार, किर्गिस्तान सरकार के साथ लगातार संपर्क में है। आप सभी चिंता न करें, छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम आपके साथ खड़ी है। छात्रों ने वहां माहौल के तनावपूर्ण होने की जानकारी दी। इस पर सीएम साय ने उन्हें खुद का ख्याल रखने को कहा। बच्चों ने बताया कि उन्हें हास्टल से निकलने की अनुमति नहीं है, उन्हें भोजन-पानी वहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने वापसी के लिए टिकटें बुक करा ली है। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई भी परेशानी हो तो आप सभी छत्तीसगढ़ सरकार से अवश्य संपर्क करें। राज्य सरकार, भारत सरकार के सहयोग से आप सभी के सुरक्षित वतन वापसी को सुनिश्चित करेगी।
हालांकि वहां की सरकार ने हॉस्टल के बाहर पुलिस के जवान तैनात कर दिए हैं, और स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेज चल रही है। दूसरी ओर मारपीट का वीडियो वायरल होने और वहां फैली हिंसा के चलते पैरेंट्स की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार उनके बच्चों की सुरक्षित वापसी का इंतजाम करें।
क्या है मामला
बता दें कि किर्गिस्तान में मिस्त्र की छात्राओं से छेड़छाड़ की घटना के बाद विवाद शुरू हुआ है। जिसको लेकर स्थानीय छात्र हिंसक हो गए और खासकर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के छात्रों के साथ हिंसा कर रहे हैं। इसके चलते वहां तनाव के हालात हैं। किर्गिस्तान में छत्तीसगढ़ के लगभग 70 विद्यार्थियों सहित भारत के लगभग पंद्रह हजार विद्यार्थी मेडिकल और अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं।
वहां फंसे स्टूडेंट्स क्या कह रहे
जांजगीर-चांपा की रहने वाली शिवानी तांबोली बिश्बेक की आईएचएमएस यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की स्टूडेंट हैं। उन्होंने फोन पर बताया कि, 13 मई को हुए विवाद के बाद लोकल छात्रों ने बाहरी छात्रों के हॉस्टल में हमला कर दिया। इससे कॉलेज जाना बंद हो गया है। चारों तरफ दहशत का माहौल है। फिलहाल मैं ऑनलाइन शिक्षा ले रही हूं। शिवानी ने बताया कि, इस घटना के बाद हमें हॉस्टल से बाहर जाने से मना कर दिया गया। लोकल मैनेजमेंट हेल्प कर रहा है। वह भोजन हॉस्टल में ही भिजवा रहे हैं। अभी माहौल कुछ ठीक है, पर छात्रों को अब भी बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन की ओर से सभी को घर भेजने का इंतजाम किया जा रहा है। वहीं बिलासपुर के मस्तूरी निवासी विजय मंडल किर्गिस्तान के ओश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। बिश्बेक में फैली हिंसा की आंच वहां तक भी पहुंची हैं। विजय ने बताया कि 18 मई की शाम हॉस्टल के बाहर छात्रों की भीड़ जुट गई। वो प्रदर्शन और हंगामा कर रहे थे। इसके चलते हम लोग घबरा गए। हालांकि बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया। तब से हॉस्टल के बाहर पुलिस तैनात है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के गौरेला की रहने वाली छात्रा आयशा शेरेन रॉय बिश्बेक में ही एमबीबीएस थर्ड ईयर की स्टूडेंट हैं। उन्होंने अपने परिजनों को वीडियो संदेश भेजा है। इसमें आयशा कह रही हैं कि वहां के हालात काफी खराब हैं। उनकी जान को खतरा है। उनको घर से भी निकलने नहीं मिल रहा है। आयशा के पिता का पहले ही निधन हो चुका है और उसकी मां सिम्स में पदस्थ हैं। आयशा का मैसेज मिलने के बाद उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने आयशा की मदद के लिए जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी को आवेदन देकर मदद मांगी है।
अफसर बोले- पैरेंट्स से बात की, कहा- स्थिति ठीक
वहीं दूसरी ओर अफसरों का कहना है कि किर्गिस्तान में हालात ठीक है। जांजगीर-चांपा के एडीएम सीपी वैद्य बताते हैं कि तीन-चार दिन पहले किर्गिस्तान में विवाद और मारपीट की सूचना मिली थी। पालकों ने मुलाकात कर बच्चों को लाने की अपील की थी। इसके बाद मेरी पैरेंट्स से बातचीत हुई। तब उन्होंने बताया कि वहां स्थिति शांत है। बच्चे कह रहे हैं कि एग्जाम के बाद वापस आएंगे। अभी वहां ऐसी कंडीशन नहीं है कि वहां किसी तरह का खतरा हो।
5 दिन से लॉकडाउन में हैं भारतीय स्टूडेंट्स
हिंसा के बीच यूनिवर्सिटी और कॉलेज प्रबंधन ऑनलाइन क्लासेज ले रहा है, लेकिन इससे भी स्टूडेंट्स को राहत नहीं मिली है। 18 मई से सभी भारतीय स्टूडेंट्स अपने हॉस्टल या फ्लैट में कैद हैं। उन्हें कमरे से भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। स्टूडेंट्स खुद भी खौफ की वजह से बाहर नहीं जा रहे हैं।