0 टीडीपी से 20, जनसेना से 3 और भाजपा से 1 मंत्री ने ली शपथ
0 नायडू ने आंध्र में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया
अमरावती। आंध्र प्रदेश में भी एनडीए की सरकार बन गई। तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को राज्य के 24वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। चंद्रबाबू ने राज्य की चौथी बार कमान संभाली। इसके साथ ही उन्होंने आंध्र में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
नायडू के अलावा जनसेना प्रमुख और अभिनेता पवन कल्याण ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। उन्होंने शपथ लेने के बाद नायडू के पैर छुए। तीसरे नंबर पर नायडू के बेटे नारा लोकेश ने शपथ ली। नई सरकार में सीएम और डिप्टी सीएम समेत 25 सदस्य होंगे। इसमें टीडीपी के 20, जनसेना के 3 और भाजपा के एक मंत्री शामिल हैं। एक पद खाली रखा गया है।
राज्यपाल अब्दुल नजीर ने विजयवाड़ा में केसरपल्ली आईटी पार्क में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को शपथ दिलाई। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत एनडीए के मंत्री और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। शपथ के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नायडू को गले लगाकर बधाई दी।
कैबिनेट में नायडू के बेटे को भी जगह
नायडू के कैबिनेट में उनके बेटे और टीडीपी महासचिव नारा लोकेश, प्रदेश अध्यक्ष के. अत्चन्नायडू और जनसेना पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष नादेंडला मनोहर शामिल हैं। टीडीपी के मंत्रियों में 17 नए चेहरे हैं। बाकी 3 पहले भी मंत्री रह चुके हैं। जनसेना पार्टी के तीन मंत्री पवन कल्याण, नादेंडला मनोहर और कंडुला दुर्गेश हैं। सत्य कुमार यादव एकमात्र भाजपा विधायक हैं, जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल में तीन महिलाएं हैं। सीनियर नेता एन. मोहम्मद फारूक एकमात्र मुस्लिम चेहरा हैं।
मंत्रियों की लिस्ट में पिछड़ा वर्ग से 8, अनुसूचित जाति से 3 और अनुसूचित जनजाति से 1 शामिल है। नायडू ने कम्मा और कापू समुदायों से 4-4 मंत्रियों को शामिल किया है। रेड्डी समुदाय से 3 और वैश्य समुदाय से 1 को भी कैबिनेट में जगह मिली है। नायडू खुद कम्मा समुदाय से हैं। वहीं पवन कल्याण कापू समुदाय से आते हैं।
विधानसभा में एनडीए ने 175 में से 164 सीटें जीतीं
आंध्र प्रदेश में 4 जून को लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आए थे। राज्य में टीडीपी, भाजपा और जन सेना पार्टी (जेएसपी) मिलकर चुनाव लड़ी थी। गठबंधन में सीट शेयरिंग के तहत विधानसभा की 175 सीटों में से टीडीपी ने 144, जन सेना पार्टी ने 21 और भाजपा ने 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसमें नायडू की टीडीपी को 135, पवन कल्याण की जनसेना को 21 और भाजपा को 8 सीटें, यानी कुल 164 सीटें मिलीं। जगन मोहन रेड्डी की वायएसआरसीपी को केवल 11 सीटों मिलीं। कांग्रेस राज्य में अपना खाता भी नहीं खोल सकी। वहीं राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से एनडीए ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की है। इनमें टीडीपी ने 16, भाजपा ने 3 और जनसेना पार्टी ने 2 सीटें जीती हैं। वायएसआरसीपी को 4 सीटें मिली हैं।
चुनाव के लिए टीडीपी और भाजपा ने पुरानी दुश्मनी पीछे छोड़ी
टीडीपी 1996 में एनडीए में शामिल हुई थी। पार्टी 1998 में वाजपेयी और 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार में गठबंधन का हिस्सा थी। टीडीपी-भाजपा ने 2014 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद टीडीपी 2018 में एनडीए से बाहर हो गई। इसके बाद PM मोदी और नायडू ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजी की। मोदी ने नायडू को यूटर्न बाबू कहा था। मोदी ने एक सभा में कहा- चंद्रबाबू नायडू बार-बार कहते हैं कि वो मुझसे बहुत सीनियर हैं। वो दल बदलने में सीनियर हैं। अपने ससुर की पीठ में छुरा घोंपने में सीनियर हैं। मोदी ने नायडू को 'लोकेश का पिता' कहा था। इस पर पलटवार करते हुए नायडू ने कहा- लोकेश मेरा बेटा है। आपका कोई बेटा नहीं है। आपका कोई परिवार नहीं है। आपने अपनी पत्नी को छोड़ दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने फरवरी 2019 में घोषणा की थी कि नायडू के लिए एनडीए के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। इसके 5 साल बाद जून 2023 में नायडू और शाह की मुलाकात हुई। फिर मार्च 2024 में दोनों पार्टियां फिर से एक हो गईं।