0 विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह को सौंपा इस्तीफा
0 इस्तीफा देना मेरे लिए बहुत ही भावुक क्षण : बृजमोहन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया है। वो प्रदेश में 8 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। रायपुर लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल जीत चुके हैं। नियमों के तहत वो एक ही पद पर रह सकते हैं। इसी वजह से इस्तीफा दे दिया है। इसके बावजूद वे 6 महीने तक मंत्री पद पर बने रह सकते हैं। 24 जून से संसद के नए सत्र में शामिल होने बृजमोहन अग्रवाल दिल्ली जाएंगे।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज विधायक पद से इस्तीफा देना मेरे लिए बहुत ही भावुक क्षण है। जनता के प्यार और आशीर्वाद से पिछले 35 सालों से भी ज्यादा समय से विधायक रहा हूं। विधानसभा में मेरे पुराने और नए साथी हैं जो एक परिवार की तरह है। लेकिन नियमतः लोकसभा सदस्य चुने जाने के 14 दिनों के अंदर विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देना पड़ता है, इसलिए बड़े भारी मन से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व और रायपुर लोकसभा की जनता ने नई जिम्मेदारी दी है। नई ऊर्जा के साथ रायपुर लोकसभा और छत्तीसगढ़ के लिए काम करूंगा। अपनी जनता के लिए जैसे उनका मोहन था, आगे भी वैसा ही उनका मोहन रहेगा। मुझे विधायक का पद नए दायित्व के साथ छोड़ना पड़ा है। मैं संसद में जनहित के मुद्दों को उठाता रहूंगा। केंद्र में मंत्री नहीं बन पाने का मुझे मलाल नहीं है। इस्तीफे को लेकर बृजमोहन ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व में सांसद का चुनाव लड़वाया है, तो सोच समझकर लड़ाया होगा। मुख्यमंत्री के अधिकारों में है कि वह वो 6 महीने तक मंत्री रख सकते हैं। यह कहकर बृजमोहन ने मंत्री पद पर बने रहने की अपनी इच्छा जता दी है।
सदन में बृजमोहन अग्रवाल की कमी खलेगी : डॉ. रमन सिंह
त्यागपत्र लेने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि यह उनके लिए बहुत भावुक पल है। पिछले कई दशकों से बृजमोहन अग्रवाल के साथ काम किया। विधानसभा कार्यवाही के कुशल संचालन में बृजमोहन अग्रवाल से बहुत कुछ सीखने को मिला है। अब सदन में उनकी कमी खलेगी। साथ ही बृजमोहन अग्रवाल को सांसद सदस्य के रूप में नई जिम्मेदारी मिली है जिसके लिए मैं बृजमोहन अग्रवाल को बधाई व शुभकामनाएं देता हूं।इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडे, विधायक अजय चंद्राकर, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, खुशवंत साहेब, राजेश मूणत, इंद्रजीत साहू, सुनील सोनी भी उपस्थित रहे।
रायपुर दक्षिण सीट खाली
इस्तीफा देने के बाद रायपुर दक्षिण सीट खाली हो गई है। चर्चा है कि प्रदेश में साल के अंत में नगरीय निकाय के साथ-साथ विधानसभा उप चुनाव भी हो सकते हैं। ऐसे में अभी से ही बड़ी संख्या में बीजेपी-कांग्रेस के नेता अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही रायपुर दक्षिण में बृजमोहन अग्रवाल का एकछत्र राज रहा है। उनके रहते यहां से किसी और को कभी भाजपा से टिकट मिला ही नहीं। पहली बार उनके सांसद बनने के कारण अब दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं।