0 कलेक्टर्स को निर्देश जारी हाट बाजार में लगेंगे पेमेंट कैम्प
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार लोगों को पैसे देगी। ये पैसे तेंदुपत्ते के संग्रहण का काम करने वालों को दिए जाएंगे। अब तक राशि खातों में ट्रांसफर करने का नियम रहा। मगर सरकार लोगों की सहुलियत को देखते हुए अब कैश पेमेंट करने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। इन जिलों में बैंकों की शाखाएं दूर-दूर हैं, इसलिए मुख्यमंत्री ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को यह निर्देश जारी किए हैं। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के हाट-बाजारों में कैम्प लगाकर तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2024 में पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देशों के परिपालन में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय से जारी कर दिए गए हैं। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के अलावा अन्य जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनके खाते में पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जाता है। वनमंत्री केदार कश्यप ने बताया कि दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में जिलों की बैंक की शाखाएं गांवों से बहुत दूर होने की वजह से सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखकर ये कदम उठाया है। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान करने के निर्देश जारी हुए हैं।
कैम्प लगेंगे
सुकमा बीजापुर और नारायणपुर जिलों के हाट-बाजारों में कैम्प लगाकर तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2024 में पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान किया जाएगा। इसके विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय से जारी कर दिए गए हैं। सुकमा बीजापुर और नारायणपुर जिलों के अलावा अन्य जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनके खाते में पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जाता है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी श्रीनिवास राव ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि समस्त नगद भुगतान की कार्यवाही जिला कलेक्टर के नियंत्रण में सम्पन्न की जाएगी। नगद भुगतान के लिए कौन से संग्राहक पात्र होगें, इसका निर्धारण कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक प्रकरण का नगद भुगतान कलेक्टर की अनुमति से होगा।
अलग-अलग एजेंसियां करेंगी कोऑर्डिनेट
हर जिले में जिला कलेक्टर तथा वन मंडलाधिकारी, प्रबंध संचालक, जिला यूनियन के आपसी समन्वय से हाट बाजार या अन्य जगहों पर कैम्प लगेगा। भुगतान के दौरान वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। कैम्प के दौरान संग्राहकों को आधार कार्ड जारी करने, बैंक खाता खुलवाने के काम होंगे। भुगतान की कार्यवाही 15 दिन के भीतर पूरी करने अधिकारियों को कहा गया है।