0 मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने का ऐलान
0 मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं शामिल
0 शवों को देख हार्टअटैक से पुलिसवाले की मौत
हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कुचलने से 122 लोगों की मौत हो गई। वहीं 150 लोग घायल हो गए, जिन्हें हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं।
हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ सीएचसी और एटा जिला अस्पताल भेजा गया। सीएचसी के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। सिकंदराराऊ सीएचसी के बाहर एक-एक करके लाशों को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं।
एटा के सीएमओ उमेश त्रिपाठी ने बताया- एटा के जिला अस्पताल में अब तक 27 शव पहुंचे हैं। यानी, कुल 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे। इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई।
ऐसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए। इस तरह कुचलने से इतनी मौतें हुईं।
लोग खुद ही देने लगे सीपीआर
अस्पताल के सभी स्ट्रैचर, यहां तक की बेंच पर भी घायलों को लिटा दिया गया। जब जगह नहीं बची तो अस्पताल के बरामदे में जमीन पर भी घायलों और मृतकों को लिटा दिया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि लोग खुद ही अपनों को सीपीआर दे रहे हैं। कुछ लोग बदहवास होकर दौड़ रहे थे, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
दो मंत्री, सीएस और डीजीपी घटनास्थल रवाना
सीएम योगी ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया है। दो मंत्रियों को भी मौके पर भेजा गया है। घटना की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई है। डीएम ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी।
रेफर तक नहीं कर पाए
हालत यह थी कि एक छोटे से स्वास्थ्य केंद्र पर इतने संसाधन ही नहीं थे कि सबका इलाज किया जा सके। घायलों को हायर सेंटर रेफर करने की स्थिति नहीं थी। मौके पर सिर्फ एक एम्बुलेंस थी। मौके पर आए लोगों ने बताया कि यहां पर इतने घायल आ गए कि अस्पताल में जगह ही नहीं बची। घायलों को रास्ते से ही एटा जिला अस्पताल भेजा जाने लगा। घायलों को लेकर पहुंचे सत्संग के सुरक्षाकर्मी ने कहा कि हम लोग खींच-खींचकर घायलों को अस्पताल लेकर आए। सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर तक नहीं था। कोई अफसर या पुलिस भी नहीं आई है अब तक।
लाशों को देखकर सिपाही को आया हार्टअटैक
एटा में मेडिकल कॉलेज में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। उसकी मौके पर मौत हो गई। वह क्यीआरटी अवागढ़ में तैनात था। उसे मेडिकल कॉलेज आपात ड्यूटी पर बुलाया गया। इतनी लाशें देखकर वह बर्दाश्त न कर सका। सिपाही मूल रूप से अलीगढ़ का रहने वाला था।
कौन है भोले बाबा
भोले बाबा का असली नाम नारायण हरि है। वह एटा के रहने वाले हैं। करीब 25 साल से वह सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इनके अनुयायी हैं। मंगलवार को 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। भोले बाबा एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई। वह कांशीराम नगर में पटियाली गांव के रहने वाले हैं। बचपन में पिता के साथ खेती-किसानी करते थे। जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए। उनकी पोस्टिंग यूपी के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही। 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में वीआरएस ले लिया। अब अपने गांव में झोपड़ी बनाकर रहते हैं। अध्यात्म की तरफ जाने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर साकार विश्वहरि रख लिया। उनकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं। वह किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनते। वह अपने सत्संग में सफेद सूट और सफेद जूते में नजर आते हैं। कई बार कुर्ता-पैजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचते हैं।
सदन में पीएम मोदी ने हाथरस हादसे दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चलते सदन के बीच हाथरस घटना का जिक्र किया। मोदी ने संसद में कहा- यूपी के हाथरस में जो भगदड़ हुई उनमें अनेक लोगों की मौत की दुखद जानकारी मिली। हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी राज्य सरकार के संपर्क में हैं। मैं सदन के माध्यम से सभी को यह भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी।
पीएम मोदी ने भी किया आर्थिक मदद का ऐलान
हाथरस हादसे में पीएम मोदी ने मुआवजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है। वहीं घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद की बात कही है। पीएम ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख के मुआवजे का ऐलान
सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी ने आपात बैठक ली
हाथरस की घटना को लेकर सीएम योगी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक लेकर हादसे की जानकारी ली। वे घटनास्थल पर भेजे गए तीनों मंत्रियों, मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि घटना का दोषी कोई भी हो, बचेगा नहीं। उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थीः डीएम
डीएम ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। यह एक प्राइवेट कार्यक्रम था। अभी मृतकों का पूरा आंकड़ा पता नहीं चला है। 50 से 60 के करीब मृतक संख्या बताई जा रही है। पुलिस की ड्यूटी सुरक्षा के लिए लगाई गई थी। अंदर की व्यवस्था आयोजकों द्वारा की जानी थी। सीनियर अधिकारी को जांच के लिए लगाया गया है। मैं अभी ज्यादा बताने की स्थिति में नहीं हूं। अभी इलाज हमारी प्राथमिकता है। जांच की जा रही है।
घटनास्थल पर पहुंचे मंत्री असीम अरुण
सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री और हाथरस जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण भी राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।
पीएम ने सीएम योगी से की बात
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाथरस में हुए दुखद हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है। यूपी सरकार सभी पीड़ितों की हर संभव सहायता में जुटी हुई है। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने इसमें अपने प्रियजनों को खोया है। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
हादसा दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन हम कुछ सीखते नहींः मनोज झा
हाथरस हादसे पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हम कुछ सीखते नहीं है। भीड़ एकत्रित कर लेना सबसे आसान होता है, लेकिन भीड़ के प्रबंधन के अभाव में आज क्या हुआ? आप अपनी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं करेंगे। यह संवेदनशीलता अगर नहीं होगी तो इसी तरह के परिणाम होंगे। हम इसे सम्पूर्ण विफलता मानते हैं कि भीड़ के प्रबंधन के लिए हमारी सरकारों को जो करना चाहिए वो नहीं करती।
सरकार आखिरकार क्या कर रही थीः अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा- सरकार आखिरकार क्या कर रही थी? सरकार की जानकारी में होने के बावजूद इतनी बड़ी घटना होना बहुत दुखद है। उनकी सुरक्षा और व्यवस्था के लिए सरकार ने क्या किया ये सबसे बड़ा प्रश्न बनता है... जब तक आप किसी आयोजन पर शुरुआत से लेकर अंत तक ध्यान नहीं देंगे तो इसी तरह की घटना होगी। इसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वो सरकार है... हमें उम्मीद है कि सरकार घायलों का अच्छा इलाज करवाएगी।
सरकार को संवेदनशीलता के साथ मदद करनी चाहिएः राहुल
हाथरस हादसे पर राहुल गांधी ने कहा- सरकार को संवेदनशीलता के साथ लोगों की मदद करनी चाहिए। मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने प्रियजनों को खोया है।
पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएः प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा- हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ की वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत और कई के घायल होने का समाचार हृदयविदारक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। शोक-संतप्त परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। राज्य सरकार से मेरी अपील है कि पीड़ितों को उचित मुआवजा देने और घायलों के उपचार की व्यवस्था की जाए।