Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 अभी ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर दर्ज केस में सुनवाई नहीं हुई 
0 21 महीने से रायपुर जेल में है निलंबित अफसर
0 कोल स्कैम में हुई है गिरफ्तारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ कोल घोटाला मामले में जेल में बंद राज्य सेवा की निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने बुधवार को अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। हालांकि सौम्या का जेल से निकलना अभी मुश्किल है। अभी ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर दर्ज केस में सुनवाई नहीं हुई है। 

बताया जा रहा है कि सौम्या को मनी लॉन्ड्रिंग केस में सशर्त जमानत दी गई है। इसमें कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होती रहेंगी। पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट के पास जमा रहेगा। वहीं अभी ईओडब्ल्यू-एसीबी की ओर दर्ज केस में सुनवाई नहीं हुई है।

मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की डबल बेंच में हुई है। सौम्या चौरसिया को दिसंबर 2022 में ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वह रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं।

वकील ने कहा- न मुकदमा शुरू किया, न रिहाई मिली
सौम्या की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने करीब एक साल और 9 महीने हिरासत में बिताए हैं। इस दौरान उन्हें एक बार भी रिहा नहीं किया गया है। अभी तक मुकदमा भी शुरू नहीं हुआ है। 3 सह-आरोपियों को अंतरिम जमानत मिल चुकी है। वहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडीकी ओर से तर्क दिया कि सौम्या, जो एक सिविल सेवक थीं, अंतरिम जमानत दिए गए 3 व्यक्तियों के मुकाबले एक अलग पायदान पर खड़ी हैं। मामले में विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है। साथ ही एएसजी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

सौम्या चौरसिया पर क्या है आरोप ?
ईडी ने छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। इस लेवी से हासिल राशि से चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गईं, जिनमें कई बेनामी भी हैं।
ईडी ने इस मामले में सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, आईएएस समीर बिश्नोई, आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत अन्य को अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि ये स्कैम करीब 500 करोड़ रुपए का था।