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0 हाईकोर्ट बोला- दोनों के खिलाफ आरोप गंभीर; रिहाई का आदेश देना उचित नहीं
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में आबकारी विभाग के निलंबित अफसर अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा ने माना है कि दोनों आवेदक के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया है और आरोप बेहद गंभीर है। इसलिए, जमानत पर रिहा करने का आदेश देना उचित नहीं है।

दरअसल, बीते माह हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर सोमवार को ऑर्डर जारी किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाला मामले में मई 2023 में आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ कर ईडी की विशेष अदालत ने जेल भेज दिया था।

विशेष अदालत से खारिज हो गई थी याचिका
अरुण पति त्रिपाठी ने अपने एडवोकेट के माध्यम से विशेष अदालत में जमानत अर्जी लगाई थी। जिसे खारिज कर दिया गया, जिसके बाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई। पहली बार जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट ने दूसरी बार में बेल दे दिया था।

ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की, फिर हुई गिरफ्तारी
शराब घोटाला मामले में ईडी ने कारोबारी अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, नितेश पुरोहित, अरविंद सिंह, त्रिलोक ढिल्लन को गिरफ्तार किया था। इस केस में फिलहाल अनवर ढेबर को मेडिकल ग्राउंड्स पर अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया है। इसी दौरान ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले और नकली होलोग्राम पर केस दर्ज कर जांच शुरू की, जिसके तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। इसके अलावा यूपी एसटीएफ भी केस दर्ज कर जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी के बाद एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन ने हाईकोर्ट में अलग अलग जमानत अर्जी लगाई।