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0 घर से खाना देने और आधे घंटे परिजन से मिलने की मंजूरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती विवाद में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार पीएससी के पूर्व चैयरमैन टामन सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण गोयल को मंगलवार को जिला कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई को 7 दिनों के लिए दोनों की रिमांड मिल गई है। सीबीआई ने सोमवार को इस मामले में दोनों को गिरफ्तार किया था।

दोनों आरोपियों को सीबीआई स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 7 दिन की रिमांड पर सौंप दिया गया। आरोप है कि गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका को नौकरी दिलाने के लिए चेयरमैन सोनवानी के करीबी के एनजीओ को सीएसआर फंड से 45 लाख दिए थे। पैसे सोनवानी को पहुंचे। इसकी पुष्टि के बाद कार्रवाई की गई।

टामन सोनवानी के वकील गणेश गिरी गोस्वामी और गोयल के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि परेशान करने के लिए ये गिरफ्तारी हुई है। जिस दो ट्रांजेक्शन की बात कही जा रही है वह कम्पनी ने एनजीओ को दिया है। टामन सोनवानी की पत्नी जिस एनजीओ में प्रेसिडेंट है उसमें 45 लाख रुपए सीएसआर फंड से पैसा दिया गया है। किसी भी तरह की कोई निजी लेनदेन नहीं हुई है। टामन सोनवानी और श्रवण गोयल से सीबीआई 25 नवंबर तक पूछताछ करेगी। हालांकि रिमांड के दौरान घर से भोजन देने की मंजूरी दी गई है। साथ ही आधे घंटे परिजन और वकील को मिलने की भी अनुमति दी गई।

वीआईपी लोगों के रिश्तेदारों को सिलेक्ट करने का आरोप
सीबीआई के मुताबिक सोनवानी के कार्यकाल में पीएससी में हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। आरोप है कि उन्होंने अपने कई करीबी रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई है। जांच में पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं। ये भी आरोप है कि, पैसे लेकर कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर सिलेक्ट किया गया था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, टामन के अलावा आने वाले दिनों में सीबीआई कुछ और अफसरों को भी अरेस्ट कर सकती है।

भर्ती घोटाले में सोनवानी-गोयल की भूमिका रहीः सीबीआई
सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि भर्ती घोटाले में टामन सोनवानी और श्रवण गोयल इन दोनों की भूमिका रही। चर्चा है कि गोयल ने बड़ी तादाद में रुपयों का लेन-देन अफसरों से किया है। मामले में सीबीआई जल्द कई बड़े खुलासे कर सकती है। सीबीआई ने कहा है कि डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा/साक्षात्कार में कुछ वीआईपी लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे। इन्हीं आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। इस केस की जांच जारी है।

क्या है पीएससी विवाद
छत्तीसगढ़ पीएससी 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। पीएससी ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।

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