0 मंत्री ने पिछली सरकार पर साधा निशाना
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि में कमी का मामला उठाया। मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि पिछली सरकार ने किसानों को छलने का काम किया। इसके साथ ही सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक शुरू हो गई।
भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने सवाल किया कि 2020-21 के मुक़ाबले 2021-22 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को राशि कम क्यों दी गई? इस कमी का क्या कारण है? जबकि राशि बढ़नी चाहिए थी। इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि राशि कम और ज़्यादा दी गई है। राशि में कमी होने का प्रमुख कारण था कि सरकार ने किसानों के मेड़ का रकबा काटा और राशि घटाई। विष्णुदेव सरकार किसान हितैषी है। किसानों के बारे में बोलने का इनका मुँह नहीं है।
इस पर विधायक साहू ने कहा कि किसानों की संख्या बढ़ी थी फिर भी रक़बा काटकर राशि कम दी गई थी। इस पर अटल श्रीवास्तव ने सवाल किया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की आख़िरी किश्त कब देंगे? इस पर नेताम ने कहा कि एक साल के भीतर 17 हज़ार करोड़ रुपये किसानों को दिया गया है, इसीलिए ऑटो मोबाइल सेक्टर में बूम है।
आश्रम/छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला उठा
प्रश्नकाल के दौरान आदिम जाति के आश्रम/छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया। उन्होंने सवाल किया कि आदिम जाति विभाग की ओर से संचालित आश्रम/छात्रावास में बच्चों की मौत हो रही है। आदिवासी बच्चों की मौत हो रही है, और सरकार सुशासन की बात करती है, जबकि आदिवासी की सरकार होने की बात की जाती है। इस पर आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब में एक साल में आश्रम/छात्रावास के 11 बच्चों के मौत की जानकारी देते हुए कहा कि आश्रम, छात्रावासों में स्वास्थ्य और अन्य जाँच के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त भी किसी सदस्य को जानकारी है तो दें, जाँच करवा लेंगे। आदिवासी का बेटा मुख्यमंत्री है। आपने जो बिगाड़ा है, हम उसे बना रहे हैं। हमारी सरकार ने कहीं भी शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई की है। आपके समय में 25 हज़ार बच्चों की मौत हुई थी, उन क्षेत्रों में ये राज्यभर में जानकारी आई है, इसलिए आरोप-प्रत्यारोप न लगाएं। इस बीच बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, कवासी लखमा ने भी आदिवासी बच्चों की मौत मामले पर सरकार को घेरा। कवासी लखमा ने कहा कि छात्रावास में भूख से भी बच्चे की मौत हुई है। आदिवासी बच्चे मर रहे हैं, जिससे दिनों-दिन इसकी संख्या घट रही है। आसंदी ने कहा कि मामला गंभीर है, सभी अपनी जानकारी दे दें, मंत्री जाँच करवा लेंगे।
वेलकम डिस्टलरी चेकरबनधा कोटा के मुद्दे पर मंत्री को घेरा
विधायक अटल श्रीवास्तव ने प्रश्नकाल में वेलकम डिस्टलरी चेकरबनधा कोटा के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इसे कब तक अनुमति प्रदान की जाएगी? शर्तें क्या-क्या होंगी? 2 वर्षों में और किसके द्वारा क्या-क्या शिकायत प्राप्त हुई? शिकायत को जांच कब कब की गई है। क्या कार्यवाही की गई? इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिल्ली द्वारा 10/03/2024 को पर्यावरण स्वीकृति दी गई थी। इसमें चिमनी में उत्सर्जन उपचारित दूषित की गुदवाता निर्धारित मन के अनुरूप रखने स्पेनबॉश का बायो मिथेनेशन डाइजेस्टर,एक्टिवेट स्लज प्रोसेस और लैंपिटिंग के माध्यम से उपचारित कर प्रयोग किए जाने जल एवं मृदा गुणवत्ता का परिमापन आदि शर्ते शामिल हैं। मंत्री चौधरी ने कहा कि हमने ग्रामवासियों ओर सरपंचों द्वारा शिकायत दर्ज की थी।वायलेशन के आधार पर उद्योग को 3 लाख 90 हजार की पेनाल्टी की गई है। तीसरी शिकायत पर 9 लाख की पुनः पेनाल्टी की गई है। विधायक श्रीवास्तव ने सवाल किया कि क्या पेनाल्टी से पर्यावरण दूषित होने से प्रदूषण रुक गया रेगुलर बेसिस से क्या जांच होती है? उसे बंद किया जाना चाहिए हमारा अनुरोध है। मंत्री ने बताया कि निर्धारित फॉर्मूला के आधार पर ही हम फाइन लगा सकते है। जब भी कोई शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें इसी वित्तीय वर्ष में 3 शिकायत प्राप्त होती है, जिसमें हम नोटिस के साथ एक टाइम देते है। अगर सुधार होता है तो पेनाल्टी के बाद प्रकिया चालू की जाती है। इस पर विधायक ने कहा कि वहां के किसान, स्कूल के बच्चे शिकायत कर रहे है कि अरपा नदी में लगातार पॉल्यूशन हो रहा है। इसे बंद क्यों नहीं किया जा रहा है? लगातार इस मामले पर शिकायत आ रही है? इस पर मंत्री ने कहा कि अगर सदस्य को ऐसा लगा रहा है तो इसमें मुझे लिखित में शिकायत दे दे जांच कराएंगे। इस बीच कांग्रेस सदस्य उमेश पटेल ने सुझाव दिया कि विधायक मंत्री जी को साथ लेकर चले जाए, जिससे वे स्वयं जाकर वहा की शिकायत सुन सके?बच्चे लगातार शिकायत करते हैं समस्या बढ़ती चलाई जा रही है।